हमीरपुर के कई गांवों में जाते ही पड़ते हैं दलदल में पांव
हमीरपुर जिले में ऐसे कई गांव हैं जहां आजादी के 75 साल बाद भी लोग दलदल और कीचड़ भरे रास्ते से निकलने को...
आजादी के 75 बरस बाद भी गांव की नहीं बदली सूरत
हमीरपुर जिले में ऐसे कई गांव हैं जहां आजादी के 75 साल बाद भी लोग दलदल और कीचड़ भरे रास्ते से निकलने को विवश हैं। गांव जाते ही लोगों के पांव दलदल में पड़ जाते हैं। पिछले बारह दिनों से हो रही झमाझम बारिश से अब इन गांवों का बुरा हाल है। ऐसा कोई रास्ता भी नहीं है जहां घर से निकलते ही लोगों के पांव कीचड़ में न पड़ते हों। ग्रामीण इस समस्या से निजात पाने के लिए अब जनप्रतिनिधियों से उम्मीदें की है।
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हमीरपुर जिले के सुमेरपुर ब्लाॅक क्षेत्र में हाइवे से पांच किमी दूर स्थित दो संयुक्त ग्राम पंचायतों का विदोखर गांव की इन दिनों बारिश के कारण सूरत ही बदल गई है। दोनों ग्राम पंचायतों में ऐसा कोई रास्ता भी नहीं है जहां दलदल न हो। घर से निकलते ही ग्रामीणों के पांव दलदल में पड़ते हैं।
सत्येन्द्र, राज मोहन, नीरज व धर्मेन्द्र समेत पूरे गांव के लोगों ने बताया कि गांव में सफाईकर्मी सिर्फ सरपंच के घर या पंचायत भवन तक ही दस्तक देते हैं। नालियां जाम होने से गंदा पानी रास्तों से बहता है। गांव में कहीं-कहीं जल निकासी न होने से रास्तों में ही पानी भरा रहता है। रही सही कसर नमामि गंगे परियोजना ने रास्तों की खुदाई कराके पूरी कर दी है।
ग्रामीणों ने बताया कि रास्तों में कीचड़ होने से नन्हें- मुन्ने बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। यदि कोई पढ़ने स्कूल गया तो वह दलदल और कीचड़ से सनकर ही घर लौटता है। गांव में यह समस्या कई सालों से बरकरार है। लेकिन गांव के सरपंच और पंचायत सचिव समस्या से निजात दिलाने के लिए ध्यान नहीं दे रहे हैं। उधर सिसोलर क्षेत्र में चन्द्रावल नदी किनारे बसे बीहड़ के परेहटा, किसवाही गांव में सम्पर्क मार्ग बारिश के कारण दलदल में तब्दील हो गए हैं। जिससे ग्रामीणों को मौदहा तहसील आने जाने में बड़ी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। यहीं हाल पत्योरा गांव जाने वाले मार्ग का है जहां दलदल और कीचड़ में तब्दील मार्ग से मजबूर होकर लोग निकलते हैं।
दो संयुक्त ग्राम पंचायतों का गांव दलदल से घिरा
नीरज और धर्मेन्द्र समेत कई ग्रामीणों का कहना है कि हाइवे से कुछ किमी दूर विदोखर पुरई व विदोखर मेंदनी गांव चारो ओर से दलदल से घिरा होने के कारण हजारों लोग परेशान हैं। ये दोनों गांव संयुक्त ग्राम पंचायत में आते हैं, जहां हर रास्तों में अंधेरा छाया रहता है। प्रकाश के भी कोई इंतजाम नहीं है। अंधेरा के साथ रास्तों में कीचड़ होने से शाम होते ही लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बीडीओ सुमेरपुर से इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की गई है।
पाइपलाइन के लिए पूरे गांव में कर दी गई खुदाई
विदोखर पुरई ग्राम के सरपंच सुन्दरलाल प्रजापति ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत पाइपलाइन डालने के लिए पूरे गांव में खुदाई कराई गई, लेकिन आज तक मरम्मत नहीं कराई जा सकी। गांव के आम रास्तों में खुदाई के कारण बारिश से दलदल हो गया है। लोगों को घर से निकलने पर दलदल और कीचड़ का सामना करना पड़ता है। बताया कि इस मामले को लेकर शिकायत की गई है। ठेकेदार ने भी बारिश से पहले मरम्मत कराने की उन्हें आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक गांव में खुदी पड़ी गलियों और रास्तों की मरम्मत नहीं कराई जा सकी।
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