चित्रकूट के जंगलों में अंगड़ाई लेते हुए नजर आया बाघ, रानीपुर टाइगर में बढ़ रहा है इनका कुनबा
चित्रकूट जिले में रानीपुर सेंचुरी को रानीपुर टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलते ही, यहां के मानिकपुर मारकुंडी से सटे...
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चित्रकूट जिले में रानीपुर सेंचुरी को रानीपुर टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलते ही, यहां के मानिकपुर मारकुंडी से सटे विन्ध्य श्रृंखलाओं से घिरे यूपी एमपी के जंगल में अब बाघ की दहाड़ सुनाई पड़ने लगी है। रविवार को एक बार फिर मानिकपुर रेंज के कल्याणपुर वीट के धारकुंडी मार्ग में एक बाघ मस्ती करते हुए अंगड़ाई लेते हुए नजर आया। जिसका वीडियो बनाकर राहगीरों ने सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।
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बता दें कि यूपी एमपी सीमा में विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के साथी घनघोर जंगल है। यह घनघोर जंगल धर्म नगरी चित्रकूट से लेकर छतरपुर तक है। इसमें यूपी एमपी के सीमावर्ती कई जनपद आते हैं। संरक्षित वन जीव अब चित्रकूट के जंगलों की सीमा वाले जंगलों में अपना बसेरा बना रहे हैं। यहां पर बाघों का कुनबा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। यूपी की तरफ मानिकपुर मारकुंडी के इलाके के जंगलों में बाघ भालू तेंदुआ आदि वन्य जीवों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पन्ना टाइगर रिजर्व से अब तक काफी संख्या में बाघ आ चुके हैं यूपी एमपी दोनों तरफ इनकी संख्या करीब डेढ़ दर्जन तक पहुंच गई है।जंगलों में बाघ ने अपना बसेरा बना लिया है पन्ना टाइगर रिजर्व से अब तक काफी संख्या में बाघ आ चुके हैं। यूपी एमपी दोनों तरफ इनकी संख्या करीब डेढ़ दर्जन तक पहुंच गई है। धारकुंडी आश्रम के पास बाघ ने दहाड़ लगाई तो आसपास मौजूद लोग सहम गए।
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जंगल में मवेशी चरा रहे भाग निकले। बाघ काफी देर तक आराम फरमाते नजर आया। इधर केंद्र सरकार ने रानीपुर टाइगर रिजर्व कुछ माह पहले ही बनने की घोषणा की है। इसमें तेजी से काम चल रहा है। धारकुंडी आश्रम के समीप ही बेमरऊहा नाला के पास बाघ लोगो को नजर आया है।जिसका वीडियो राहगीर ने बनाकर वायरल कर दिया है।
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चित्रकूट के डीएफओ आर के दीक्षित के मुताबिक पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों को पानी भरने की स्थिति में चित्रकूट की पहाड़ियों में सुरक्षित और स्थायी निवास मिल सकेगा। क्योंकि यह पूरा इलाका उष्ण कटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन है। इसलिए यहां बड़े पैमाने पर सुस्त भालू, चित्तीदार हिरण, सांभर, चिंकारा के अलावा तेंदुए बाघ रहते हैं। यह टाइगर रिजर्व 529.36 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसमें कोर एरिया 230.32 वर्ग किलोमीटर और बफर एरिया 299.5 वर्ग किमी में विस्तार लिये है।
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