एकेटीयू में दस ग्रीन स्टार्टअप ने दी अपने प्रोडक्ट की प्रस्तुति

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सोमवार को डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इन्नोवेशन हब की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान..

एकेटीयू में दस ग्रीन स्टार्टअप ने दी अपने प्रोडक्ट की प्रस्तुति

लखनऊ,  विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सोमवार को डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इन्नोवेशन हब की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पर्यावरण को बचाने पर मंथन किया गया। साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मदद करने वाले 10 ग्रीन स्टार्टअप ने अपने प्रोडक्ट की प्रस्तुति दी। कुलपति प्रोफेसर जे.पी.पाण्डे के दूरदर्शी मार्गदर्शन में ग्रीन स्टार्टअप्स को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम करने की एक नई पहल कर रहे हैं। स्टार्टअप 'प्लास्टिक प्रदूषण' से संबंधित समाधानों पर केंद्रित है।

इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ. सरवन बघेल ने कहा कि सरकार द्वारा पर्यावरण में फेंके जा रहे खतरनाक कचरे के प्रभावों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है।

सार्वजनिक रूप से पर्यावरण के प्रति जागरूक निर्णय लेने और हरित भविष्य के लिए परिवर्तन में योगदान करने के लिए यह स्थिरता स्टार्टअप की एक अतिरिक्त जिम्मेदारी है। 'ग्रीन स्टार्टअप्स' द्वारा कई अभिनव समाधान पहले से ही विकसित किए जा रहे हैं। जैसे शैवाल से बने बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक, कार्बन पदचिह्न को मापना, रिपोर्ट करना और कम करना, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत, जल निकायों और जैव विविधता का संरक्षण, पुन: प्रयोज्य पानी की बोतलें और बहुत कुछ हैं। एक स्थायी स्टार्टअप मॉडल स्थापित करना कोई आसान प्रक्रिया नहीं है।

इसमें समय और धैर्य लगता है, ठीक वैसे ही जैसे प्रकृति माँ करती है।

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डॉ. बघेल ने मजबूत स्टार्टअप समाधानों के साथ पर्यावरण की रक्षा के लिए एक बहुत ही सक्रिय चुनौती लेने के लिए एक शानदार प्रयास करने के लिए इनोवेशन हब टीम को बधाई दी। विशिष्ट अतिथि विशेष सचिव, योजना विभाग अर्बन प्लानिंग डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि हर साल 400 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से आधे को केवल एक बार उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

प्रबंध निदेशक, यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कार्पोरेशनअक्षय त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा किए गए आविष्कार तकनीकी प्रगति और व्यवसाय के प्रति पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण को बनाए रखने से उत्पन्न आशावादी प्रभाव का प्रमाण हैं। वैश्विक जलवायु, सरकारी समर्थन और निजी निवेश ने भारत के लिए उपयुक्त समाधानों का परीक्षण और डिजाइन करने के लिए स्टार्टअप्स के लिए एक लाभकारी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है।



अध्यक्षता करते हुए प्रति कुलपति प्रोफेसर मनीष गौड़ ने कहा कि वर्तमान में प्लास्टिक हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसे खत्म करने के लिए निश्चित रूप से हम सबको मिलकर पहल करनी होगी। ग्रीन स्टार्टअप इस दिशा में बेहतर करके समाज को पर्यावरण से सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। विषय स्थापना डॉ. अनुज कुमार शर्मा, एसोसिएट डीन, इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन ने की जबकि इनोवेशन हब के प्रमुख महीप सिंह ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन वंदना शर्मा, जबकि रितेश सक्सेना नीति निर्माताओं और गणमान्य व्यक्तियों के साथ स्टार्टअप गोलमेज कराया। इस मौके पर काफी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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हिस

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