प्रोजेक्ट टेली- लॉः जिसके माध्यम से एक ही छत के नीचे विधिक समस्याओं का समाधान 

प्रोजेक्ट टेली- लॉ समाज के कमजोर व्यक्तियों को एक ऐसा अवसर प्रदान करता है। जहां पर एक ही छत के नीचे वह...

प्रोजेक्ट टेली- लॉः जिसके माध्यम से एक ही छत के नीचे विधिक समस्याओं का समाधान 

बांदा, प्रोजेक्ट टेली- लॉ समाज के कमजोर व्यक्तियों को एक ऐसा अवसर प्रदान करता है। जहां पर एक ही छत के नीचे वह अपनी सभी विधिक समस्याओं का समाधान तथा राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा पाता है। टेली- लॉ जनपद के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले हर व्यक्ति को सफलतापूवर्क जोड़ने और उनके द्वारा पर कानूनी सहायता पहुॅचाने का प्रथम पहला प्रयास है। यह जानकारी स्टेट कॉर्डिनेटर टेली-लॉ, लखनऊ वागीश सिंह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा के तत्वाधान में बुधवार को विकास भवन, बांदा के सभागार में टेली- लॉ एवं प्री व पोस्ट लिटिगेशन मीडिएशन के सम्बंध में आयोजित कार्यशाला एवं विधिक जागरुकता शिविर में दी।

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उन्होने बताया कि टेली-लॉ प्रोजेक्ट न्याय मंत्रालय, विधिक सेवा प्राधिकरण तथा कॉमन सर्विस सेन्टर ई गवर्नेस सर्विसेज इण्डिया लिमिटेड द्वारा शुरु किया गया। टेली-लॉ का अर्थ है कानूनी जानकारी और सलाह देने के लिए संचार और सूचना प्रौद्यिगिकी का उपयोग। यह वकीलों और लोगों के बीच एक ई-बातचीत सीएससी में उपलब्ध विडियों कॉन्फेसिंग बुनियादी ढांचे के माध्यम से होगी। प्रोजेक्ट टेली-लॉ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व भारत सरकार की एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है। जिसके माध्यम से जनपद के दूरस्थ स्थानों पर निवास करने वाले व्यक्ति भी समाज की मुख्य धारा में आ जाते है। 

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कहा कि इस कार्य में आमजन के मध्य जागरुकता व इसे वास्तविक रुप देने के लिए सम्बद्ध किये गये पराविधिक स्वयं सेवकों  सर्वप्रथम ग्रामों के विभिन्न प्लेटफार्मों की जैसे कि आंगनबाड़ी, सभा, बाजार, सामुदायिक हॉल आदि में पहचान करे। वीडियों कॉन्फ्रेसिंग, फोन कॉल और तत्काल फोन कॉल प्राविधान के माध्यम से नागरिकों को परामर्श के लाभो के बारे में बताएं, नागरिकों की समस्याओं को ध्यान से सुने।  टेली-लॉ के अन्तर्गत दुर्घटना मुआवजा मामले, दहेज, घरेलू हिंसा के मामले, उपभोक्ता विवाद, जमीन जायदाद व सम्पत्ति के मामले, बुनियादी सेवाओं, अनुसूचित जाति जनजाति के प्रति अत्याचार, गिरफ्तारी, एफआईआर, जमानती, गैर जमानती अपराध, जमानत मिलने की प्रक्रिया, लिंग जांच या भ्रूण हत्या, सूचना का अधिकार, सेवा मामला, किरायेदारी, पट्टे से सम्बन्धित मामले आदि वादों में निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है। कोई भी पीड़ित व्यक्ति अथवा कानूनी सलाह प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति जनसेवा केन्द्र पर जाकर टेली-लॉ पोर्टल पर आवेदन कर समस्या रजिस्टर कर नामित अधिवक्ताओं से निःशुल्क विधिक सलाह ले सकते है।

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 इसके पूर्व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा की सचिव श्रीमती सुचेता चौरसिया, ने प्री व पोस्ट लिटिगेशन मीडिएशन के सम्बंध में जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि वर्तमान में दीवानी व फौजदारी के लघु आपराधिक वादों में वादी प्रतिवादी यदि आपस में सहमत हो तो उनके मध्य सुलह समझौता कराकर वादों का निस्तारण भी न्यायालय से किया जा सकता है। जिससे वादी प्रतिवादी या पक्षकारों के समय और धन की बचत होती है। यदि वाद न्यायालय में दर्ज नही है एवं थाना स्तर पर कार्यवाही की जा रही है या प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के पूर्व भी यदि पक्षकार सहमत हो तो कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा में अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर समझौता कर सकते है जिससे दोनो पक्षों के समय व धन की बचत होती है। 

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शिविर में राशिद अहमद डी.ई.ओ. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा, मो. जकी व ध्रुव कुमार सी. एस. सी. जिला प्रबन्धक, बांदा, मुनीन्द्र कुमार, पैनल लॉयर टेली- लॉ हमीरपुर के साथ अरशद खॉन, अंकुर गुप्ता, श्रीमती बुशरा जैदी, श्रीमती रोहिणी, नदीम अहमद,  मुसाब अहमद, सैयद खुर्शीद अनवर, श्रीमती रुबी जैनब, नदीम अहमद, सुश्री गोल्डी, सुश्री सुमन व श्रीमती रीता देवी पराविधिक स्वयं सेवक उपस्थित रहे।

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