- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से बुन्देलखण्ड के सिंचित क्षेत्र में हुई बढ़ोत्तरी : योगी आदित्यनाथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को झांसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक भवन का ऑनलाइन लोकार्पण किया। साथ ही विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से परिचर्चा करते हुए उन्होंने उनके अनुभव को टटोला। उनसे संवाद करते हुए उनके कृषि के क्षेत्र में अध्ययन का कारण भी पूछ लिया। यह भी जाना कि आखिर वे किसानों की मदद कैसे करेंगे। साथ ही सुझाव दिया कि देश में कृषि के अनुसंधान से जोड़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से परिचर्चा की। उन्होंने पूछा कि आप के पास कृषि के अलावा अन्य विकल्प भी उपस्थित थे लेकिन आप ने कृषि क्षेत्र ही क्यों चुना और आप लोग कृषि क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने के उपरान्त किसानों की मदद किस प्रकार करेगें? प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से अन्तिम प्रश्न पूछा स्टार्टअप तथा आत्मनिर्भर कृषि में आपका क्या योगदान है?
- कृषि विश्वविद्यालय से उप्र व मप्र के किसानों को मिलेगा लाभ : कृषि मंत्री
प्रधनमंत्री मोदी ने कृषि पर जोर देते हुए बताया कि कृषि उत्पादन बढ़ाने व बीज को बाजार तक पहुंचाने की नवीन तकनीकियों के लिए एक लाख करोड़ का फंड प्रदान किया गया है। माध्यमिक शिक्षा में कृषि शिक्षा को शामिल किया जाना आवाश्यक है।
बुन्देलखण्ड में पानी की कमी को देखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड के तीन तरफ नदियों का प्रवाह है। एक ओर बेतवा, केन और उत्तर में यमुना जैसी नदियां हैं, किन्तु इनके पानी का प्रयोग किसान नहीं कर पा रहे हैं। बुन्देलखण्ड में जल का स्तर बढ़ाने के लिए सभी जिलों में पाइप लाइन द्वारा हर घर जल पहुंचाने के लिए तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपए की 500 परियोजना की स्वीकृति की जा चुकी है। जल स्तर को बढ़ाने के लिए भू-जल योजना का जिक्र किया। इसके लिए सात सौ करोड़ रुपए लागत की योजना कार्यन्वित है। कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे जैसी बहुप्रतिक्षित कार्य रूप ले रही है। जिसका सीधा असर ग्रामीणों, कृषकों पर होगा एवं भारत आत्मनिर्भता की ओर अग्रसर होगा।
उन्होंने डिफेन्स काॅरीडोर होने की वजह से रोजगार की आपार सम्भावना एवं आर्टफिशियल इंटेलीजेन्स और आधुनिक कृषि क्षेत्र में युवा वैज्ञानिकों को वन लाइफ वन नेशन के लिए प्रेरित किया। उन्होने बताया की पिछले 6 वर्षों की खेती को सीधे शोध से लिंक करने में सार्थक प्रयास हुआ है। साथ ही किसान के जीवन स्तर में सुधार हुआ है 10 लाख गरीब बहनों को मुफ्त गैस सिलेंन्डर तथा गरीब कल्याण योजना के लिए 700 करोड रुपए की योजना यहां के लिए वरदान साबित हो रही है। अन्त में जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के नारे के साथ कृषि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक और शैक्षणिक भवन के उदघाटन कर सभी को शुभकानाएं देते हुए कहा कि दो गज की दूरी मास्क है जरूरी। आप सुरक्षित है तो देश सुरक्षित है, का नारा दिया।
इस कार्यक्रम को देश के विभिन्न हिस्सों से 55 हजार व्यक्तियों ने पंजीकरण कराया। 150000 से अधिक लोगों ने आनलाइन माध्यम से देखा। जिसमें देश के समस्त कृषि विज्ञान केन्द्र एवं समस्त कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।
इन छात्र-छात्राओं के अनुभव को टटोला
परिचर्चा के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वविद्यालय के छात्रा स्वाती सिंह, योगांशी आर्या, छात्र नरेन्द्र सेन, मयंक जैन, टोनी मनोज कुमार व नंदी पामु से परिचर्चा की। इस दौरान उन्होंने गुजरात का जिक्र करते हुए ड्रिप एरिगेशन को समझाया। उन्होंने कहा कि जिस तहर किसी बच्चे को दूध में डुबोने से हष्ट पुष्ट नहीं बनाया जा सकता। ठीक उसी प्रकार किसान खेतों में पानी को भरकर सिंचाई नहीं कर सकते। बल्कि उन्हें ड्रिप एरीगेशन के माध्यम से सिंचित किया जा सकता है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गिनाई उपलब्धियां
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से बुन्देलखण्ड के सिंचित क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुयी है। जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी हुयी। इसके साथ ही हर घर नल योजना के तहत 10322 करोड़ रुपए की लागत से कार्य किया गया। रक्षा के क्षेत्र में डिफेन्स काॅरीडोर की महत्ता बताते हुए 2 रक्षा काॅरीडोर जो झांसी एवं चित्रकूट मे स्थित हैं जोकि 2600 एकड़ में विस्तृत हैं। इसमें 36 हजार करोड़ निवेश करने का प्राविधान है।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि झांसी में स्थापित कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा उप्र व मप्र के किसानों को उच्च तकनीकी का ज्ञान दिया जायेगा। जिससे उनकी आय दोगुनी होगी और किसानों को लाभ मिलेगा।
महेश पटेरिया, हिन्दुस्थान समाचार