बांदा में घनी आबादी में ट्रांसपोर्ट नगर बनाए जाने का लोगों ने किया विरोध, दर्ज कराई आपत्तियां

बांदा विकास प्राधिकरण द्वारा 20 साल पहले बनाई गई महायोजना में तिंदवारी रोड पर मंडी समिति बड़े बाईपास के मध्य मुख्य मार्ग..

Sep 16, 2022 - 06:18
Sep 16, 2022 - 06:21
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बांदा में घनी आबादी में ट्रांसपोर्ट नगर बनाए जाने का लोगों ने किया विरोध, दर्ज कराई आपत्तियां

बांदा विकास प्राधिकरण द्वारा 20 साल पहले बनाई गई महायोजना में तिंदवारी रोड पर मंडी समिति बड़े बाईपास के मध्य मुख्य मार्ग के दोनों तरफ ट्रांसपोर्ट नगर बस, ट्रक अड्डा एवं केंद्रीय क्रियाओं से आच्छादित क्षेत्र दर्शाया था। जिस पर उस समय भी लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई थी। अब एक बार फिर इस महायोजना का नाम बदलकर महायोजना 2031 कर दिया गया है और इसके तहत इसी क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की कवायद शुरू हो गई है। जिसका शुक्रवार को लोगों ने विरोध किया है।

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इस क्षेत्र में रहने वाली पूनम सिंह ने बताया कि मौजा लड़ाका पुरवा गाटा संख्या 1240 के अंतर्गत मैंने अपना मकान बनवाया था। जिसमें मैं काबिज हूं। अब इसी स्थान पर ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की बात की जा रही है। इसके पहले बांदा महायोजना 2021 बनाई गई थी जिस के संबंध में 18 मार्च 2021 को नोटिस भी दी गई थी। जिसका इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने विरोध दर्ज कराते हुए आपत्तियां दर्ज कराई थी। तब से यह स्थान यथावत था।

ऐसा लगता है कि उक्त आपत्तियों को कूड़ेदान में फेंकते हुए विकास प्राधिकरण ने बिना किसी सर्वेक्षण और आकलन के पुनः उसी महायोजना का नाम बदलकर महायोजना 2031 कर दिया है। जो अत्यंत अमानवीय है। यहां अब घनी आबादी है, हजारों परिवार मकान प्रतिष्ठान बनाकर रह रहे हैं। यहां अब किसी प्रकार के ट्रांसपोर्ट नगर, बस अड्डा या केंद्रीय क्रियाओं का निर्माण वर्तमान में अव्यावहारिक हो चुका है। उपरोक्त महायोजना 20 वर्ष पूर्व के सर्वेक्षण पर योजित है जबकि वर्तमान में योजना में समाहित क्षेत्र अत्यंत घनी आबादी का है। जिसमें 90प्रतिशत भूभाग पर आवासीय मकान बन चुके हैं।

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इसी क्षेत्र में रहने वाले कृष्णन पटेल का कहना है कि मैंने 1977 में यहां जमीन खरीद कर मकान बनवाया था। बांदा विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराया था अब 20 साल बाद इस क्षेत्र को ग्रीनलैंड बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बांदा महायोजना 2031 के अंतर्गत प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर बस ट्रक अड्डा एवं केंद्रीय को प्रस्तावित भूमि पर बनाए जाने का कोई औचित्य नहीं क्योंकि प्रस्तावित भूमि में हजारों परिवार निवास कर रहे हैं।जिन्होंने अपने जीवन की खून पसीने की सारी कमाई लगाकर सरकारी स्टांप शुल्क अदा करते हुए रजिस्ट्री दाखिल खारिज कराई है।  अगर बांदा विकास प्राधिकरण प्रस्तावित योजना को लागू करना चाहते थे तब उक्त क्षेत्र में रजिस्ट्री प्रतिबंधित नोटिफिकेशन आज तक क्यों नहीं कराया गया ।

श्री पटेल ने कहा कि प्रस्तावित भूमि पर ट्रांसपोर्ट नगर बनाए जाने से हजारों लोग बेघर हो जाएंगे जिसकी क्षतिपूर्ति किया जाना संभव नहीं है। साथ ही आम जनजीवन के लिए बहुत बड़ा संकट उत्पन्न हो जाएगा इसलिए महायोजना 2031 के अंतर्गत ट्रांसपोर्ट नगर एवं केंद्रीय क्रियाओं का निर्माण प्रस्तावित भूमि पर उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन द्वारा प्रस्तावित योजना के तहत ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जाता है यहां के रहने वाले लोग न्यायालय की शरण में जाएंगे। बताते चलें कि इससे महायोजना का सर्वेक्षण करने झांसी से एक टीम आई थी। इस टीम के समक्ष ज्योति नगर, इंद्रप्रस्थ नगर इत्यादि मोहल्ले के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए इस महायोजना को वापस लेने की मांग की है।

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