अब बांदा में ही होगा बायो मेडिकल कचरे का निस्तारण, बुन्देलखण्ड न्यूज़ ने खोली थी पोल

अस्पतालों से रोजाना निकलने वाले बायोमेडिकल कचरा के निस्तारण के उचित प्रबंध न होने से जिला अस्पताल के बाहर खुले में बायोवेस्ट..

Mar 13, 2021 - 10:50
Mar 13, 2021 - 12:48
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अब बांदा में ही होगा बायो मेडिकल कचरे का निस्तारण, बुन्देलखण्ड न्यूज़ ने खोली थी पोल

अस्पतालों से रोजाना निकलने वाले बायोमेडिकल कचरा के निस्तारण के उचित प्रबंध न होने से जिला अस्पताल के बाहर खुले में बायोवेस्ट जलाया जा रहा था जिसके धुए से अस्पताल में भर्ती मरीज और नवजात शिशु की सेहत को खतरा उत्पन्न हो गया था।

इस संबंध में बुंदेलखंड न्यूज ने खबर रिलीज कर रहस्योद्घाटन किया था जिसका संज्ञान लेते हुए आखिरकार एमपीसीसी कंपनी झांसी की कंपनी से समझौता खत्म कर बांदा में ही वेस्ट फैसिलिटी यूनिट की स्थापना कर दी गई है।जिसमें अब चित्रकूट मंडल के चारों जनपदों का बायो कचरा निस्तारित किया जाएगा।

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बताते चलें कि एमपीसीसी कंपनी झांसी की कंपनी द्वारा बायोमेडिकल कचरा के निस्तारण का प्लांट झांसी में लगाया गया है इस कंपनी द्वारा जनपद बांदा के सरकारी व निजी अस्पतालों का कचरा ना उठाकर केवल कागजी खानापूर्ति कर हर माह लाखों रुपए के बंदरबांट किया जा रहा था।

यह सब जानकर भी अधिकारी व डॉ खामोशी से लूट खसोट का खेल देख रहे थे। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा जब हुआ जब जिलेभर का बायोमेडिकल कचरा एकत्र करने के लिए एक गाड़ी निकली और अस्पतालों से बिना कचरा के गुजरती चली गई।

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इतना ही नहीं नियम के मुताबिक बायोबेस्ट खत्म करने के लिए बंद गाड़ी प्रयोग लाई जाती है लेकिन यह गाड़ी ऊपर से पूरी तरह खुली थी लोगों को मूर्ख बनाने के लिए इस गाड़ी में पीछे दरवाजे लगे थे जिसमें ताला पड़ा था ताकि समझ में आए कि यह बंद गाड़ी है इतना ही नहीं प्रतिदिन यह गाडी अस्पतालों तक तो जाती थी।

जहां से रजिस्टर में डॉक्टरों से हस्ताक्षर भी कराये जाते थे इसका मतलब था कि यहां का कचरा ले जाया गया।परंतु वास्तविकता कुछ और थी खाली गाड़ी में कचरा नहीं रहता था।

इस बात का खुलासा होने पर प्रशासन में एक्शन लिया। जिससे बांदा के मोहन पुरवा गांव में बेस्ट फैसिलिटी यूनिट की स्थापना कर दी गई जहां बायो कचरा निस्तारित होगा।

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बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर आदि जनपदों का बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए शासन स्तर से झांसी की एमपीसीसी कंपनी को दी गई थी, लेकिन एनजीटी के नियमों के विपरीत मानकों और कंपनी के काम में लापरवाही के चलते इसका लाभ इन जिलों को नहीं मिल पा रहा था।

शासन और प्रदूषण विभाग के सहयोग से जिगनौड़ा रोड मोहनपुरवा में कामन बायो मेडिकल वेस्ट फैसिलिटी यूनिट की स्थापना हो गई है। इसके संचालन के बाद मंडल मुख्यालय समेत आसपास के जिलों के लोगों को बायो मेडिकल वेस्ट से फैलने वाले प्रदूषण से निजात मिल जाएगी। 

कम्पनी के निदेशक रावेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार और उ.प्र.सरकार के अनुबंध से संचालित सीबीडब्लूटीएफ संयंत्र के माध्यम से चित्रकूटधाम मंडल को बायो मेडिकल के रूप में निकलने वाले खतरनाक प्रदूषण से मुक्ति दिलाने का पूरा प्रयास किया जाएगा और प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड के सहयोग से संयंत्र का बेहतर संचालन हो सकेगा।

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