विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए मायावती ने पदाधिकारियों संग बनायी रणनीति

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित बैठक में यूपी की दस...

विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए मायावती ने पदाधिकारियों संग बनायी रणनीति
फ़ाइल फोटो

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित बैठक में यूपी की दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर पदाधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए रणनीति तैयार की। साथ ही साथ पार्टी के जनाधार काे बढ़ाने के लिए संगठनात्मक बदलाव भी किए गये।

इस दौरान उन्होंने कहा कि, भाजपा सरकार और विपक्षी दल जनहित व जनकल्याण आदि के ज्वलंत मुद्दों को उठाने के बजाय संकीर्ण जातिवादी, साम्प्रदायिक राजनीति करते रहते हैं, जिससे जनता में उनके प्रति विश्वास की कमी हो रही है। जिसके चलते बसपा को बहुत मेहनत से जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की जरूरत है। इसका सीधा लाभ पार्टी को उपचुनाव में मिल सकता है।

मायावती ने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी, गरीबी और जबरदस्त महंगाई के अलावा महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाना चाहिए। इन मुद्दों पर केवल आरोप-प्रत्यारोप और दावे करके सरकार ने यूपी की 25 करोड़ जनता का न तो कोई खास भला किया है और न ही भविष्य में ऐसा करने वाली है। स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि बेरोजगारी को लेकर सरकार जो दावे कर रही है, वह यूपी की आबादी के लिहाज से ऊंट के मुहं में जीरा की मिसाल से ज्यादा कुछ भी नहीं है। ऐसे बयानों और बयानबाजी से उनकी दयनीय स्थिति सुधरने वाली नहीं है। साथ ही, यह भी ठीक नहीं है कि हर स्तर पर सरकारी नौकरियों में भारी बैकलॉग है। कुल मिलाकर, यूपी सरकार के करोड़ों गरीबों, बेरोजगारों, महिलाओं, छोटे व्यापारियों और अन्य मेहनतकश लोगों के लिए राहत सुविधाओं और सुरक्षा के अभाव, हर तरह की असुरक्षा और शोषण, उत्पीड़न से जनता परेशान है और ज्यादातर मामलों में कागजी वादे और दावे ज्यादा हैं। जनता अब उनके खोखले वादों और दावों पर निर्भर नहीं है, इसलिए भाजपा सरकार के प्रति लोगों में विश्वास की भारी कमी है। उसे जमीनी स्तर पर राजनीतिक लाभ की जरूरत है।

मायावती ने कहा कि, बुलडोजर विध्वंस कानून का राज का प्रतीक नहीं होने के बावजूद इसके प्रयोग प्रवृत्ति आति चिंतनीय है। वैसे बुलडोजर एवं अन्य किसी भी मामले में जब जनता उससे सहमत नहीं होती है तो केंद्र सरकार को आगे आकर पूरे देश के एक समान गाइड लाइन बनाना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकारों को संविधान व कानूनी राज के अमल होने पर जरूर ध्यान चाहिए। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देशहित में ‘एक देश एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत देश में एक साथ लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय चुनाव कराने के प्रस्ताव पर मायावती ने अपनी सहमति दे दी है। लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनता के हित में होना चाहिए।

मायावती ने कहा कि कांग्रेस व भाजपा ने धीरे-धीरे एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण को निष्क्रिय व अप्रभावी बना दिया है। सरकार में उनके आरक्षित पदों को नहीं भरा जा रहा है। इसी तरह की साजिश ओबीसी वर्ग के खिलाफ भी अपनाई जा रही है, जिसे रोकने के लिए संगठित प्रयास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना के मुद्दे पर पूरी तरह गंभीर होने की जरूरत है। इस मामले में भाजपा व कांग्रेस की आरक्षण विरोधी चाल को सफल नहीं होने देना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार

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