काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव मनाकर शहीदों को किया गया नमन

काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, डीएम शिवशरणप्पा...

काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव मनाकर शहीदों को किया गया नमन

कर चले हम फिदा जान तन साथियों.....

शहीदों के परिजनों को रामनामी दुपट्टा, शाल भेंटकर किया सम्मानित

चित्रकूट। काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, डीएम शिवशरणप्पा जीएन, एसपी अरुण कुमार सिंह, सीडीओ अमृतपाल कौर, पूर्व सांसद आरके सिंह पटेल, पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, डीसीबी पंकज अग्रवाल, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता की उपस्थिति में टाऊन हॉल कर्वी के सभागार में दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को रामनामी दुशाला देकर सम्मानित किया। 

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पूर्व सांसद आरके सिंह पटेल ने वीरों को नमन करते हुए ’कर चले हम फिदा जाने तन साथियों गीत प्रस्तुत कर संदेश दिया। डीएम ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्बन्धित अनेक ऐतिहासिक घटनाओं में काकोरी की घटना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। 4 फरवरी 1922 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में घटित चौरी चौरा घटना के बाद गाँधी जी ने 11 फरवरी 1922 को बारदोली (गुजरात) में असहयोग आन्दोलन को स्थगित करने की घोषणा की। इस निर्णय ने क्रान्तिकारी आन्दोलन को पुनः जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आजादी के दीवाने क्रान्तिकारी नवयुवक भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए कटिबद्ध थे। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शहीद चन्द्रशेखर आजाद, शहीद पं रामप्रसाद बिस्मिल, शहीद ठाकुर रोशन सिंह, शहीद अश्फाक उल्ला खाँ, शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी आदि क्रान्तिकारी युवकों ने एक अखिल भारतीय सम्मेलन के बाद अक्टूबर 1924 में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना की। इसका उद्देश्य सशस्त्र क्रान्ति के माध्यम से औपनिवेशिक सत्ता को उखाड़ फेंकना और एक संघीय गणतंत्र संयुक्त राज्य भारत की स्थापना करना था। इस संघर्ष को प्रारम्भ करने से पूर्व यह आवश्यक था कि व्यापक प्रचार प्रसार किया जाये। नौजवानों को अपने दल में सम्मिलित कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाए। हथियारों को एकत्र किया जाये। इसके लिए धन की आवश्यकता थी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इन क्रान्तिकारियों ने अंग्रेजी सरकार के खजाने पर कब्जा करने का निश्चय किया। निरंकुश ब्रिटिश सत्ता को चेतावनी देने एवं धन एकत्र करने के निमित्त पहली बड़ी कार्यवाही काकोरी में की गयी। सरकारी खजाना हासिल करने की यह घटना काकोरी घटना के नाम से प्रसिद्ध है। 9 अगस्त, 1925 को शाहजहाँपुर से लखनऊ आ रही 8-डाउन ट्रेन को काकोरी के निकट रोक कर अंग्रेजी सरकार के 4679-1-6 राशि के खजाने पर क्रांतिकारियों द्वारा कब्जा कर लिया गया। इस घटना ने ब्रिटिश सरकार की नींव हिला दी। प्रतिक्रियास्वरूप ब्रिटिश सरकार ने व्यापक स्तर पर गिरफ्तारियाँ की। प्रारम्भिक जाँच के उपरान्त क्रान्तिकारियों पर मुकदमा चलाया गया। इन पर ब्रिटिश सरकार के विरूद्ध युद्ध की घोषणा करने, राजनैतिक षडयन्त्र रचने, डकैती और हत्या आदि के आरोप लगाये गये। अंग्रेजी सरकार काकोरी के क्रांतिकारियों से इतना खौफ खा चुकी थी कि उसने क्रांतिकारियों को प्रदेश के अलग-अलग जेलों में शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को जिला जेल गोण्डा, शहीद रोशन सिंह को जिला जेल प्रयागराज, शहीद अश्फाक उल्ला खां को जिला जेल अयोध्या एवं शहीद राम प्रसाद बिस्मिल को जिला जेल गोरखपुर में रखा गया। जेल में क्रान्तिकारियों ने खराब खाना मिलने एवं राजनैतिक बन्दी की श्रेणी प्रदान किये जाने को लेकर 16 दिन का अनशन किया। बाध्य होकर ब्रिटिश सरकार ने इनकी माँगों को स्वीकार कर लिया। इन क्रान्तिकारियों पर सेशन जज हैमिल्टन की अदालत में मुकदमा चलाया गया। इनकी पैरवी के लिए एक समिति भी बनायी गयी थी। पूर्व में यह घटना काकोरी काण्ड के नाम से इतिहास में दर्ज थी। आजादी का अमृत महोत्सवश् आयोजन के अन्तर्गत मुख्यमंत्री ने इसे काकोरी ट्रेन एक्शन के नाम से सम्बोधित किया। 9 अगस्त 2024 से काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ की शुरूआत हो रही है। इस मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियो ने टाउन हॉल में लगे प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

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जनपद के शहीद परिवार के बुआराम शुक्ल पुत्र स्व राम शरण शुक्ल एतवार, अखिलेश कुमार पुत्र स्व रघुवर दयाल ग्राम ब्यूर, महेंद्र त्रिपाठी को रामनामी दुपट्टा व साल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मां भगवती लोकगीत पार्टी द्वारा काकोरी एक्शन महोत्सव पर वीर शहीदों को नमन करते हुए गीत प्रस्तुत किया। महोत्सव का संचालन शिक्षक साकेत बिहारी शुक्ल ने किया। इस दौरान क्षेेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव, बीएसए बीके शर्मा, ईओ लाल जी यादव सहित छात्र-छात्राएं एवं स्वतंत्रता सेनानी के परिजन मौजूद रहे।

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