झाँसी : आत्मनिर्भर बुंदेलखंड के लिए केवीआईसी की बड़ी पहल

बुंदेलखंड क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की कौशल विकास स्वरोजगार योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भरता की..

झाँसी : आत्मनिर्भर बुंदेलखंड के लिए केवीआईसी की बड़ी पहल

  • विद्युत चालित चाक, मधुमक्खी के बक्से और अगरबत्ती बनाने की मशीनों का निःशुल्क वितरण

बुंदेलखंड क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की कौशल विकास स्वरोजगार योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर नया कदम बढ़ाया है। रविवार को झांसी के पंडित दीनदयाल सभागार में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री एमएसएमई, भानु प्रताप सिंह वर्मा ने जिले के ग्रामीण कारीगरों और बुंदेलखंड के आसपास के क्षेत्रों के कुम्हारों को विद्युत चालित चाक, मधुमक्खी के बक्से और अगरबत्ती बनाने की मशीनों का निःशुल्क वितरित किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना, स्थानीय सांसद अनुराग शर्मा उपस्थित रहे। इस अवसर पर केंद्र सरकार की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पर एक जागरुकता कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया गया।

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केवीआईसी द्वारा वितरित किए गए उपकरणों में 200 मधुमक्खी बक्से, 100 विद्युत चालित चाक (इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील) और 50 अगरबत्ती बनाने वाली मशीनें शामिल हैं। इससे 600 से अधिक स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार सृजित होगा। केवीआईसी ने इन लाभार्थियों को इस तरह से प्रशिक्षण दिया है ताकि वो अपने घर पर ही रहकर स्व-रोजगार का सृजन करें और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करें।

इस अवसर पर राज्य मंत्री वर्मा ने बुंदेलखंड क्षेत्र में केवीआईसी की पहल की सराहना की और कहा कि यहां के ग्रामीण कारीगरों को दी गई मशीनें उन्हें उनके घर पर ही आजीविका प्रदान करेंगी। श्री वर्मा ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र में रोजगार सृजन की बहुत बड़ी गुंजाइश है। सरकार इस क्षेत्र में पीएमईजीपी हनी मिशन और कुम्हार सशक्तिकरण योजना जैसे प्रमुख कार्यक्रमों को लागू करके रोजगार सृजन में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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अध्यक्ष केवीआईसी श्री सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी की इन योजनाओं का उद्देश्य गरीब से गरीब लोगों को सशक्त बनाना है, जो कि प्रधानमंत्री का सपना है। “उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र केवीआईसी का फोकस क्षेत्र है जहां किसानों, बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार पैदा करने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं।“ श्री सक्सेना ने आगे कहा कि समाज के अंतिम हाशिए के व्यक्ति का उत्थान करना माननीय प्रधानमंत्री का सपना है और केवीआईसी अपने कार्यक्रमों के माध्यम से उनके सपने को साकार कर रहा है।

गौरतलब है कि केवीआईसी ने पिछले तीन वर्षों में बुंदेलखंड क्षेत्र में 300 से अधिक कुम्हार परिवारों को सशक्त बनाया है, जिससे समुदाय के लगभग 1200 लोगों के लिए आजीविका का सृजन हुआ है। केवीआईसी ने बुंदेलखंड के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पीएमइजीपी के अन्तर्गत इस क्षेत्र में लगभग 11,000 नई विनिर्माण इकाइयां स्थापित की हैं, जिसके माध्यम से 8800 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। इन परियोजनाओं के लिए केवीआईसी ने 75 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी वितरित की है। इसके अलावा, 16 खादी संस्थाएं वर्तमान में बुंदेलखंड क्षेत्र में काम कर रही हैं, जिसमें ज्यादातर महिला कारीगर कताई और बुनाई गतिविधियों में लगी हैं।

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हि.स

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