चित्रकूट धाम मंडल में कोरोना से जंग जीतने वालों की तादाद बढ़ी, देखें यहाँ
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से प्रभावित हुए लोग इलाज के बाद कोरोना को हराने में कामयाब हो रहे हैं..
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से प्रभावित हुए लोग इलाज के बाद कोरोना को हराने में कामयाब हो रहे हैं। जहां संक्रमण की संख्या घट बढ़ रही है वही जंग जीतने वाले मरीज ठीक होकर मेडिकल कॉलेज से बाहर आ रहे हैं।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी बांदा डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि आज जहां 238 संंक्रमित मिले हैं वही 195 व्यक्ति स्वस्थ्य हुए हैं जिससे यहां स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 8991 हो गई हैजबकि सक्रिय मरीजों की संख्या 1088 है। आज तीन और मौत हो जाने से मृतकों की संख्या 130 हो गई है।
वही चित्रकूट धाम मंडल के आयुक्त दिनेश कुमार सिंह ने बताया है कि मंडल में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मंडल में एक मई से 11 मई के बीच में कोरोना संक्रमित एक्टिव केसेस में कमी आई है। एक मई को 5486, 2 मई को 5371, 3 मई को 5245, 4 मई को 5216, 5 मई को 5224, 6 मई को 5247, 7 मई को 5045, 8 मई को 5111, 9 मई को 4885 और 10 मई को 4311 और आज 11मई को 3788 एक्टिव केसेस मंडल में है।
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आज 11 मई को बादा में 924 चित्रकूट में 1201, हमीरपुर में 571 और महोबा में 541 एक्टिव केसेस होम आइसोलेशन में है तथा 351 मरीज विभिन्न कोविड-19 अस्पतालों में है। पूरे मंडल में एल-वन स्तर के 8, एल-2 स्तर के 4 और एल-3 स्तर का एक अस्पताल है। इनमें 1645 बेड है। इन 1645 बेड में आईसीयू के 91, एचडीयू के 55 और ऑक्सीजन युक्त आइसोलेशन के 1499 बेड है। जिसमें आज की तारीख में लगभग 1300 बेड खाली है। बेड की, ऑक्सीजन की और दवाओं की कोई कमी नहीं है।
मेडिकल कॉलेज के भगवान डाक्टर सुशील पटेल व डाक्टर शैलेंद्र यादव
चित्रकूट धाम मण्डल मुख्यालय बांदा के राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सुशील पटेल और डाक्टर शैलेन्द्र यादव दिन-रात अपनी टीम के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने में लगे हैं। मरीज के लिए इस समय डाक्टर सुशील और डॉ. शैलेन्द्र वास्तव में किसी भगवान से कम नही हैं अपनी जान की परवाह किये बिना आईसीयू में भर्ती मरीजों की स्थिति में अपनी टीम के माध्यम से लगातार संपर्क बनाए रखते हैं और खुद भी दिन में कई बार जाकर उनको देखते हैं।
आपको बता दें, बांदा राजकीय मेडिकल कॉलेज को मंडलीय कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है और कोविड मरीजों के लिए यहां आईसीयू में 30 वेंटिलेटर भी मौजूद हैं और यहां आने वाले मरीज मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ व अनुभवी डॉ. सुशील पटेल वह डाक्टर शैलेन्द्र यादव की निगरानी में रहते हैं। डॉ. शैलेन्द्र व उनकी टीम में शामिल सभी नर्स व वार्ड ब्वॉय सभी की कोशिश यही है कि आईसीयू से हर मरीज बाहर ठीक होकर ही निकले। यही कारण है कि यहां से ठीक होकर निकले मरीज सुशील पटेल और डॉ. शैलेन्द्र यादव को भगवान के रूप में देखते हैं।
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