कैसे देश में लागू हो सकती है, एक शिक्षा एक पाठ्यक्रम, जानिए यहां

सरकार को पूरे भारतवर्ष में एक देश एक पाठ्यक्रम एक देश एक शिक्षा लागू करने पर विचार करना चाहिए एक देश एक शिक्षा..

Mar 29, 2022 - 06:22
Mar 29, 2022 - 06:35
 0  1
कैसे देश में लागू हो सकती है, एक शिक्षा एक पाठ्यक्रम, जानिए यहां
फाइल फोटो

सरकार को पूरे भारतवर्ष में एक देश एक पाठ्यक्रम एक देश एक शिक्षा लागू करने पर विचार करना चाहिए एक देश एक शिक्षा एक देश एक पाठ्यक्रम  होने से जहां आम अभिभावकों को बार-बार किताबे बदलने से मुक्ति मिलेगी वहीं पाठ्यक्रम की भी एक निर्धारित कीमत तय होगी। यह बात बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू ने देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे पत्र में कही है। 

यह भी पढ़ें - सुनहरे भविष्य की कल्पना के साथ सम्पन्न हुआ किड्जी का दीक्षांत समारोह

उन्होने सुझाव दिया है कि भारतवर्ष के सभी शिक्षण संस्थानों में केंद्रीय विद्यालय और सैनिक स्कूल नवोदय विद्यालय की भांति एक देश एक पाठ्यक्रम अर्थात एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जाए। चाहे बच्चा अर्दली का हो या न्यायधीश का,चपरासी का हो या आईएएस का, संत्री का हो या मंत्री का सभी को एक देश एक पाठ्यक्रम आधारित पठन-पाठन सामग्री लागू होना चाहिए। 

श्री त्रिपाठी ने कहा कि स्कूल में बैठने का माध्यम अलग अलग हो सकता है। कोई प्राइमरी पाठशाला में पढ़े या कोई कन्वेंट स्कूल में परंतु पाठ्यक्रम एक होना चाहिए। इस पर सरकार को चाहिए कि पूरे देश के शिक्षाविदों पत्रकार बंधुओं, वरिष्ठ नागरिकों व बुद्धिजीवियों से सुझाव आमंत्रित करें कि आखिर एक देश एक पाठ्यक्रम लागू कैसे किया जाए। वर्तमान में भारत जिले में जितने भी विद्यालय हैं सभी विद्यालयों में अलग-अलग पाठ्यक्रम चल रहा है। जबकि उनके मान्यता  प्राधिकारी या तो बेसिक शिक्षा है या जूनियर हैं अथवा सीबीएसई बोर्ड हैं आईसीएसई बोर्ड है राज्य शिक्षा बोर्ड हैं। 

यह भी पढ़ें - सपा की जीत शर्त पर हार गए सपा समर्थक ने खरीदी की नई बाइक और खाई सौगंध अब दुबारा नहीं लगाऊंगा शर्त

एक ही मान्यता प्राधिकारी होने के बावजूद हर स्कूल में अलग-अलग पाठ्यक्रम निजी शिक्षण संस्थान अपने मन मुताबिक चला रहे हैं। बार बार पाठ्यक्रम बदलने के लिए और महंगी किताबें पर रोक लगाने के लिए एक ही उपाय है कि संपूर्ण भारत वर्ष की शिक्षा व्यवस्था पर एक देश एक पाठ्यक्रम एक देश एक शिक्षा एक देश एक बोर्ड यानी कि ’भारतीय/ इंडियन एजुकेशन बोर्ड लागू करना चाहिए ।

कहा कि अलग-अलग बोर्ड जो वर्तमान में चल रहे हैं। जैसे यूपी बोर्ड ,बिहार बोर्ड, गुजरात बोर्ड ,राजस्थान बोर्ड ,आईसीएसई बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आईएससी बोर्ड इन सभी बोर्डों को भारतीय शिक्षा बोर्ड में मर्ज करके एक देश एक शिक्षा एक देश एक परीक्षा पर लागू करना चाहिए । जैसे अभी हाल ही में केंद्र सरकार के द्वारा भारत के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इंटरमीडिएट की परीक्षा के बाद प्रवेश के लिए जो एक देश एक परीक्षा का कार्यक्रम बनाया  है वह अत्यंत ही सराहनीय है।

यह भी पढ़ें - योगी मंत्रिमंडल में मंत्री बने रामकेश निषाद के क्षेत्र में बालू माफियाओं का कहर, निषाद बिरादरी के किसानों को जमकर लठियाया

What's Your Reaction?

Like Like 2
Dislike Dislike 0
Love Love 2
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 2