हमीरपुर में 63 गांवों में पेयजल की भारी किल्लत

मौदहा विकास खंड की 63 ग्राम पंचायतों में इन दिनों पेयजल की समस्या दिनों दिन गंभीर होती जा रही है...

हमीरपुर में 63 गांवों में पेयजल की भारी किल्लत

  • जलनिगम व जलसंस्थान के खड़े किये हाथ, ग्राम पंचायतों में पैसों का रोना

यहाँ के हैंण्डपंप तथा जलनिगम व जलसंस्थान की पेयजल योजनाएं बुरी तरह से लड़खड़ा गई हैं। बूंद-बूंद पानी के लिए लोग दरदर भटक रहे हैं। इसके बावजूद सम्बंधित विभागों तथा ग्राम पंचायतों में पैसों के अभाव का रोना रोया जा रहा है।

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बताते चलें आर्थिक तंगी का असर इन दिनों जबरदस्त तरीक़े से दिखाई देने लगा है। भले ही कुछ लोग अपनी उपलब्धियों को दर्शाने में मसगूल हों लेकिन सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता है। आम जनता मंहगाई, शिक्षा, बिजली, पानी तथा दो वक्त की रोटियों के लिए संघर्ष कर रही है। तमाम विभागों के अधिकारी तथा कर्मचारी लगातार कई महीनों से तनख्वाह के लिए संघर्ष कर रहे हैं। तमाम योजनाएं कागजी खाना पूरी तक सिमट कर रह गई हैं। चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है।

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जिले के सबसे बड़े विकास खंड मौदहा की तिरसठ ग्राम पंचायतों में पेयजल की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गांवों के ज्यादातर हैंण्डपंप खराब पड़े हैं अथवा पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। गांव गांव में जलनिगम द्वारा बनाई गई पेयजल योजनाओं की हालत अत्यंत नाजुक बनी हुई है। जलनिगम इन दिनों आर्थिक तंगी के बुरे दौर से गुजर रहा है। इस विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को कई महीने से तनख्वाह नहीं मिली है।

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पेयजल योजनाओं को दुरुस्त रखने के लिए विभाग के पास पैसा नहीं है।गांवों की पेयजल योजनाओं को दुरुस्त रखने के लिए अब इनकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों को दे दी है लेकिन चुनावी वर्ष तथा पैसों के फंसने के डर से कोई भी ग्राम पंचायत प्रधान अथवा सचिव पेयजल योजनाओं पर ध्यान नहीं दे रहा है। कुल मिलाकर जलनिगम, जलसंस्थान तथा ग्राम पंचायतें लोगों को पेयजल मुहैया कराने में हाथ खड़ा कर रही हैं अब ऐसे में ग्रामीणों के सामने पेयजल का संकट दिनों दिन गहरा हो रहा है। अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर ग्रामीणों के लिए पेयजल समस्या का निदान कब और कैसे होगा। तथा इस गंभीर समस्या के लिए जिम्मेदार कौन होगा।

हिन्दुस्थान समाचार

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