राजकीय महिला महाविद्यालय दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

राजकीय महिला महाविद्यालय बांदा और समकालीन साहित्य सोसाइटी अमलोर बांदा के संयुक्त तत्वाधान में 29

राजकीय महिला महाविद्यालय दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

बांदा, राजकीय महिला महाविद्यालय बांदा और समकालीन साहित्य सोसाइटी अमलोर बांदा के संयुक्त तत्वाधान में 29 व 30 मार्च को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। जिसने सतत विकास और वैश्वीकरण: नई चुनौतियां और अवसर विषय पर चर्चा होगी।

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इस बारे में राजकीय महिला महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर दीपाली गुप्ता ने बताया कि इस सम्मेलन में पोलैंड के प्रोफेसर किशोर कुमार, जेएनयू दिल्ली के प्रोफेसर हरीराम मिश्र, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश के प्रोफेसर के एस कश्यप, एम एम एच कॉलेज गाजियाबाद के डॉ राजेश कुमार राणा, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के प्रोफेसर मुन्ना तिवारी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के डॉक्टर मोहम्मद नईम, ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के प्रोफेसर ललित सिंह, गोस्वामी तुलसीदास महाविद्यालय कर्वी चित्रकूट के डॉक्टर राजेश पाल, राजकीय महाविद्यालय प्रयागराज के डॉक्टर पंकज सिंह, राजकीय महाविद्यालय कुछेछा हमीरपुर के डॉ एस पी गुप्ता, राजकीय महाविद्यालय मिर्जापुर की डॉ अंजू सोनकर, बी एम एस डी कॉलेज कानपुर की डॉ नीलिमा सिंह, राजकीय महाविद्यालय मिर्जापुर के डॉक्टर राजकुमार सिंह और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की डॉ शहला रहमानी मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेंगे। संगोष्ठी के दौरान शोध पत्र भी पढ़े जाएंगे। इनके लिए विषय भी निर्धारित कर दिए गए हैं।

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 निम्नलिखित उप-विषयों के साथ शोध/समीक्षा पत्र आमंत्रित हैं:
1. भारत का सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य और सतत विकास
2. सामाजिक-आर्थिक, मानव विकास और वैश्वीकरण
3. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और सतत विकास
4. वैश्वीकरण और जी20
5. सतत विकास: लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण
6. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत और सतत विकास
7. सतत विकास: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश नीतियां
8. भारतीय सांस्कृतिक मूल्य और सतत विकास
9. वैश्वीकरण और भारतीय संस्कृति
10. सतत विकास: मूल्य और नैतिकता
11. पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु परिवर्तन
12. सतत आर्थिक विकास: व्यवसाय और उद्यमिता की भूमिका
13. वैश्वीकरण और विकासशील देशों पर इसका प्रभाव
14. सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार
15. सतत कृषि और खाद्य सुरक्षा
16. श्री अन्ना (बाजरा) और वैश्विक खाद्य सुरक्षा
17. सतत जल प्रबंधन और संरक्षण
18. सतत विकास: लक्ष्य और उनका कार्यान्वयन
19. सतत विकास के लिए शासन और संस्थान
20. सतत विकास में शिक्षा और मानव संसाधन की भूमिका
21. वैश्वीकरण और जनजातीय समुदाय
22. उद्यमिता और हरित स्टार्ट-अप
23. सतत विकास और मानसिक स्वास्थ्य
24. सतत विकास में मीडिया और संचार की भूमिका
25. सांस्कृतिक विविधता और सतत विकास
26. सतत विकास पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव
27. सोशल नेटवर्किंग साइट्स और सामाजिक अभिविन्यास पर उनका प्रभाव
28. इंटरनेट की लत और सतत विकास पर इसका प्रभाव
29. साहित्य, समाज और सोशल मीडिया

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