विशेषज्ञों का दावा, मानसून में बढ़ेंगे कोरोना के मामले
आईआईटी के विशेषज्ञों का दावा है कि मानसून में कोरोना के मामले बढ़ेंगे। इसीलिए अब और भी सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।

आईआईटी बाम्बे के दो प्रोफेसर ने अलग - अलग तापमान में कोरोना की स्टडी की है। इस स्टडी का दावा है कि भविष्य में कोरोना के मामलों मे बढ़ोतरी हो सकती है , यदि अधिक सावधानियां नहीं बरती गईं।
असल में बारिश का मौसम गांव हो या शहर सभी जगह विपदा बन जाता है, वहीं कृषि क्षेत्र के लिए बारिश अमृत समान है। जल स्रोत बढ़ने के लिए भी बारिश आवश्यक है। जल संरक्षण आज का बड़ा मुद्दा बन चुका है।
स्वच्छता की कमी के चलते इस मौसम में अनेकों बीमारियां मासूमों से लेकर बुजुर्गों तक फैलने लगती हैं। वायरल फीवर , खांसी और जुकाम एक आम बात हो जाती है। लेकिन इस बार कोरोना का अदृश्य साया संकट बनकर दुनिया भर में यात्रा कर रहा है तो गांव और शहर कैसे बचेंगे ?
वक्त अभी भी है कि युद्ध स्तर पर साफ - सफाई पर काम किया जाए। बिजली की व्यवस्था अच्छी रखी जाए। जिससे आदमी को घर के अंदर राहत रहे और कम से कम दिसंबर तक सावधानी बरतना आसान हो सके।
प्रोफेसर रजनीश भरद्वाज और अमित अग्रवाल ने एक टीवी चैनल पर बातचीत करते हुए स्टडी रिपोर्ट सामने रखी है। उन्होंने आगाह किया है कि अत्यधिक सावधानी बरतने से ही बचाव संभव है। अतः कोरोना को हराने वाले प्रत्येक नियम का पालन आम आदमी को करना ही होगा।
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