अपने बच्चों को न दें जहर, अपनाएं जैविक खेती: रविंद्र द्विवेदी

फसलों की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से किसान खेतों में रासायनिक खादों का बेझिझक इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता तो कम हो रही है, इसके अलावा स्वास्थ्य पर भी असर ...

अपने बच्चों को न दें जहर, अपनाएं जैविक खेती: रविंद्र द्विवेदी

पॉली हाउस के जरिए तैयार होती है बेमौसम सब्जी 

फसलों की पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से किसान खेतों में रासायनिक खादों का बेझिझक इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता तो कम हो रही है, इसके अलावा स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। गंभीर बीमारियां हो रही हैं। अपने बच्चों को इससे बचाने के लिए जैविक खादों का इस्तेमाल करें। अपने परिवार के लिए कम से कम एक बीघा में जैविक तरीके से अनाज व सब्जी उगाएं। यह बातें कुलकुम्हारी गांव स्थित पंचायत भवन में सोमवार को आयोजित जैविक खेती पर महिला किसानों के प्रशिक्षण में रविंद्र द्विवेदी (कानपुर) ने कहीं। 

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उन्होंने बताया कि श्रमिक भारती व सीएफएलआई द्वारा जनपद के बड़ोखर ब्लाक में महिला किसानों के साथ जैविक खेती पर ‘‘जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियां’’ परियोजना के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है। कहा कि कृषि क्षेत्र में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इसलिए यह कार्यक्रम महिलाओं के साथ चलाया जा रहा है। प्रशिक्षक जय नारायण सिंह ने बताया कि लो टनल पाली हाउस विधि से सब्जी की खेती कर किसान अपनी किस्मत संवार सकते हैं। यह खेती की एक ऐसी विधि है, जिसमें किसान बे-मौसम सब्जियों की खेती कर सकते हैं। किसान लो-टनल पाली हाउस तकनीक से खेती की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इस विधि का उपयोग करके 45 से 60 दिन पहले बाजार में सब्जी लाई जा सकती है। प्रशिक्षक रोहित श्रीवास्तव ने जैविक खादों और उसके उपयोग के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि घर में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से यह खादें आसानी से तैयार हो जाती हैं। जैंसे जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत, कंडा पानी, मट्ठा खाद इत्यादि। 

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सीईओ मनोज यादव ने कहा कि खेती की लागत कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से बामदेव किसान उत्पादक संगठन बनाया गया है। उन्होंने संगठन से जुड़कर किसानों को मिलने वाले फायदे विस्तार से बताए। सीबीबीओ रामकरन यादव ने मचान पद्वति द्वारा किचन गार्डेन तैयार करने के बारे में बताया। इसमें तैयार सब्जी बड़ी व चकमदार होती है। कार्यक्रम समन्वयक इमरान अली ने बताया कि श्रमिक भारती द्वारा बुंदेलखंड में किसान समृद्धि के लिए परियोजना चलाई जा रही है। ज्यादा से ज्यादा महिला किसानों को इससे जोड़ने का काम किया जा रहा है। उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल सभी महिला किसानों का आभार व्यक्त किया। 

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इस मौके पर ग्राम प्रधान साधना देवी, फील्ड कोआर्डिनेटर वेद प्रकाश व पूनम त्रिवेदी, आशा देवी, प्रीति, सुशीला, कुबेर सिंह, शिवकुमार, गुड़िया सिंह, अर्चना देवी, प्रिया, कुंती, सियासखी, शीला देवी, भूरी, मंजू, चंदा, नीतू, रामकली, रानी, पुनिया, शोभा, विनीता, मिथलेश, सुरतिया, सीता, सुमन और राजेंद्र कुमार, राममूर्ति सहित 80 महिला किसान किसान शामिल रहीं।

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