महाकुम्भ आने वाले श्रद्धालु 2020 रूपये में लें प्रयाग हेरीटेज टूर का आनंद

प्रयागराज एक प्राचीन एवं पौराणिक शहर है। यहां कदम-कदम पर ऐतिहासिक इमारतें तथा संस्कृतिक धरोहर...

महाकुम्भ आने वाले श्रद्धालु 2020 रूपये में लें प्रयाग हेरीटेज टूर का आनंद

महाकुम्भ नगर। प्रयागराज एक प्राचीन एवं पौराणिक शहर है। यहां कदम-कदम पर ऐतिहासिक इमारतें तथा संस्कृतिक धरोहर बिखरे पड़े हैं। महाकुम्भ से जुड़े होने के कारण देश-विदेश के पर्यटक एवं श्रद्धालु प्रयागराज के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं। इसके लिए उप्र पर्यटन विकास निगम ने कुम्भ क्षेत्र एवं शहर के भ्रमण के लिए हेरीटेज टूर के लिए पैकेज टूर शुरू किया है। इसके लिए 2020 रूपये देकर ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है। हेरीटेज टूर के इच्छुक www.upstdc.co.in पर बुकिंग कराकर हेरीटेज टूर का आनंद ले सकते हैं। यह यात्रा 13 जनवरी से शुरू की गयी है।

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यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रयागराज का हर कोना अध्यात्म, इतिहास एवं पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा प्राचीन धार्मिक स्थलों तथा स्वादिष्ट व्यंजन के लिए जाना जाता है। हेरीटेज टूर प्रतिदिन सुबह 7 बजे से प्रारम्भ होकर 6 बजे समाप्त होती है। हेरीटेज टूर प्रतिदिन होटल इलावर्त से शुरू होती है और यहीं पर समाप्त होती है।

जयवीर सिंह ने बताया कि हेरीटेज टूर के दौरान सबसे पहले श्रद्धालु त्रिवेणी संगम से लेकर गंगा, यमुना, अदृश्य सरस्वती महाकुम्भ मेले का दर्शन तथा संगम स्थल के दर्शन करते हैं, इसके पश्चात अक्षयवट कॉरीडोर, इलाहाबाद किला, अक्षयवट वृक्ष, बड़े हनुमान मंदिर, हनुमान की 20 फिट लेटी हुई मूूर्ति तथा पूर्वान्ह 11 बजे भारद्वाज आश्रम के दर्शन कराये जाते हैं। इसके अलावा ऋषि भारद्वाज की तपोस्थली को दिखाया जाता है। इसके पश्चात महान क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद पार्क का भ्रमण भी श्रद्धालुओं को कराया जाता है।

जयवीर सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के महानायक चन्द्रशेखर आजाद की स्मृति में बनाये गये अल्फ्रेड पार्क का भी भ्रमण कराया जाता है, इसके उपरान्त दोपहर 12 बजे इलाहाबाद संग्रहालय जो भारतीय इतिहास, संस्कृति, पुरातत्व और वास्तुकला से जुड़े दुर्लभ अवशेष संरक्षित किये गये हैं, पर्यटक इसका अवलोकन करते हैं। यह संग्रहालय 1931 में स्थापित किया गया था। एक बजे दोपहर के भोजन के पश्चात हेरीटेज टूर 2 बजे श्रृंगवेरपुर के लिए प्रस्थान करती है।

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पर्यटन मंत्री ने बताया कि श्रृंगवेरपुर धाम में पर्यटकों को भ्रमण के लिए 2 घंटे का समय निर्धारित है। प्राचीनकाल में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने वनवास के दौरान निषादराज से मुलाकात की थी। यहां पर रामघाट, महादेव मंदिर, रामशयन आश्रम आदि के दर्शन होते हैं। यह यात्रा होटल इलावर्त में शाम 6 बजे समाप्त हो जाती है। श्रद्धालु इस यात्रा के दौरान हथकरघा, बांस और लकड़ी के खिलौने, धार्मिक प्रतीक, कढ़ाई वाले परिधान की खरीदारी कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार

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