वेद व्यास द्वारा रचित देवी भागवत पुराण : संस्कारों से मिलती है सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा – पं. श्रीहरि जी महाराज

स्थानीय शिव शनि हनुमान मंदिर, एस.पी.एम. नगर में 20 नवम्बर 2024 से 28 नवम्बर 2024 तक आयोजित श्रीमद् देवी भागवत...

Nov 21, 2024 - 06:45
Nov 21, 2024 - 06:47
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वेद व्यास द्वारा रचित देवी भागवत पुराण : संस्कारों से मिलती है सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा – पं. श्रीहरि जी महाराज

दमोह। स्थानीय शिव शनि हनुमान मंदिर, एस.पी.एम. नगर में 20 नवम्बर 2024 से 28 नवम्बर 2024 तक आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा पुराण में हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध कथा वाचक पं. श्रीहरि जी महाराज की अमृतमयी वाणी से कथा का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन के द्वितीय दिवस पर पं. श्रीहरि जी महाराज ने कथा में राजा परीक्षित के मोक्ष से जुड़ी कथा का वर्णन किया।

उन्होंने बताया कि द्वापर युग में राजा परीक्षित की मृत्यु सांप के डंसने से हुई थी। उनके पुत्र राजा जनमेजय ने पिता की आत्मा के मोक्ष हेतु देवी भागवत कथा का श्रवण किया। इस कथा को महर्षि वेद व्यास ने नौ दिनों तक सुनाया, जिसके उपरांत यज्ञ संपन्न हुआ और राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त हुआ।

देवी भागवत पुराण के महात्म्य की चर्चा करते हुए पं. श्रीहरि जी महाराज ने कहा कि यह पुराण जीवन के हर पहलू को सुंदर और व्यवस्थित बनाने की प्रेरणा देता है। कथा के 11वें स्कंध में सदाचार और भगवती की कृपा प्राप्त करने के उपायों का उल्लेख है। नारद मुनि के सवालों के जवाब में भगवान नारायण ने जो बातें कही थीं, वे आज भी हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने में सहायक हैं।

पं. श्रीहरि जी महाराज ने बताया:

  • गायत्री मंत्र का जाप: इसका नियमित जाप न केवल बुरे विचारों और भय को दूर करता है, बल्कि मन को शांत और एकाग्र करता है।
  • रोज आत्मावलोकन: हर व्यक्ति को दिनभर किए गए कार्यों का आत्मचिंतन करना चाहिए। यह आदत सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करती है।
  • अच्छे संस्कारों की महत्ता: जीवन में संस्कार ही सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। बच्चों को भौतिक सुविधाओं से अधिक अच्छे संस्कार देना आवश्यक है।

विशेष आयोजन:

कथा के आयोजक गौतम परिवार ने सभी धर्मप्रेमियों से अपील की है कि वे इस आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर धर्मलाभ प्राप्त करें। कथा का समय दोपहर 2:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक तय किया गया है। प्रतिदिन कथा के उपरांत शाम 6 बजे आरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा।

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