बुन्देलखण्ड पैकेज से करोड़ों रुपया खर्च कर, बनी 12 मंडियां में लटका ताला

कृषि उत्पादन मंडी समिति राठ के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीणों की सुविधा के लिए बुन्देलखण्ड पैकेज से...

बुन्देलखण्ड पैकेज से करोड़ों रुपया खर्च कर, बनी 12 मंडियां में लटका ताला

बुन्देलखण्ड पैकेज से ग्रामीण क्षेत्र में बनी थी 12 मंडियां

कृषि उत्पादन मंडी समिति राठ के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीणों की सुविधा के लिए बुन्देलखण्ड पैकेज से ग्रामीण अवस्थापन केंद्रों का निर्माण किया गया था। क्षेत्र में 12 जगहों पर खरीद फरोख्त के लिए स्थान निर्धारित कर मंडी स्थल का निर्माण किया गया जहां ग्रामीण अपना आनाज व सब्जी आदि बेंच सकते हैं। वहीं कस्बे के कोटबाजार में स्थित थोक सब्जी मंडी से उत्पन्न अव्यवस्था और आवागमन में अवरोध के चलते नागरिकों तथा व्यापारियों की मांग पर अतरौलिया मुहल्ला में मंडी समिति के ठीक पीछे बनाई गई थोक फल सब्जी मंडी पर सालों से ताला लटका हुआ है । सरकार के खर्च किये गये करोड़ों रुपयों का कोई भी लाभ नहीं है।

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कृषि उत्पादन मंडी समिति राठ के सचिव रवि कुमार ने बताया कि बुन्देलखण्ड पैकेज प्रथम से 12 स्थानों को चयनित करके ग्रामीण अवस्थापन केंद्रों का निर्माण किया गया था। क्षेत्र के ग्राम मझगवां, पहाड़ी गढ़ी, धनौरी, कुछेछा, अटगांव, सरीला, ममना, गोहाण्ड, धौहल बुजुर्ग, चण्डौत डांडा, उमरिया और मंगरौठ में अवस्थापन केंद्र स्थापित है जो ग्रामीणों की खरीद फरोख्त के लिए बनाये गये हैं। मंडी समिति राठ के लिपिक जयन्त खरे ने बताया कि स्थानों का चयन ग्राम पंचायत की जनसंख्या और आस पास स्थित गांवों को देखते हुए किया गया था। जिससे समीपवर्ती गांव के लोग भी यहां आकर अपना आनाज और सब्जी आदि बेंच सके।

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बुन्देलखण्ड पैकेज से निर्मित मंडियों में बाजार लगता है और व्यापारी भी पहुंचते है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों से पता चला कि कुछ स्थानों पर साप्ताहिक बाजार लग रहे हैं। जबकि कुछ स्थानों पर मंडी स्थल आवारा पशुओं और अराजकत्तवों की आरामगाह के रुप में प्रयोग हो रही है। इधर राठ कस्बे के कोटबाजार में स्थित सब्जी मंडी से अव्यवस्था के चलते नागरिकों और व्यापारियों ने थोक सब्जी मंडी को अन्यत्र ले जाने की मांग की थी जिसपर कृषि उत्पादन मंडी समिति राठ के ठीक पीछे अतरौलिया मुहल्ला में मंडी विकास निधि से भूमि क्रय करके सब्जी मंडी का निर्माण कराया गया। सन् 2019 में मंडी समिति के इस प्रस्ताव की शुरुआत हुई और 2020 में कस्बे की थोक सब्जी मंडी बनकर तैयार हो गई जिसपर 444.72 लाख रुपया खर्च किया गया।

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मंडी तक पहुचने के लिए अतरौलिया मुहल्ला से जर्जर सम्पर्क मार्ग को भी बनवाया गया जिसपर 61.73 लाख रुपया अलग से खर्च किये गये। भूमि क्रय करने में भी अलग से धनराशि खर्च की गई थी। यहां 30 स श्रेणी तथा 10 ब श्रेणी दुकानें स्थित है और 2 नीलामी चबूतरा है। एक कैंटीन है, शौंचालय है तथा 3 हैंड पंप एवं वाटर स्टैण्ड स्थापित है। सरकारी करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद आज भी नवनिर्मित नवीन फल सब्जी मंडी में ताला पड़ा हुआ है और चारों तरफ सन्नाटा पसरा है। नगर के कोटबाजार से थोक सब्जीमंडी तो हटा दी गई मगर यह नवीन फल सब्जी मंडी में न पहुंचकर उरई मार्ग पर प्राइवेट स्थल पर संचालित हो रही है।

सब्जी ब्रिकेताओं का कहना है कि नवीन फल सब्जी मंडी कस्बे के बाहरी क्षेत्र में अलग थलग पड़ने के कारण वहां व्यापारी स्वयं को असुरक्षित समझ रहा है। उरई मार्ग पर व्यापारियों को कोई भी असुविधा नहीं है और मुख्यमार्ग के किनारे आवागमन में भी कोई दिक्कत नहीं है। महिलाओं को भी यहां आने जाने में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं है।

हिस

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