संस्कृत भाषा के प्रति जागरुक हो रहे छात्र

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान से संचालित गृहे गृहे संस्कृतम् योजना के अंतर्गत नवम्बर मासीय बारह दिवसीय संस्कृत शिक्षण...

संस्कृत भाषा के प्रति जागरुक हो रहे छात्र

12 दिवसीय संस्कृत शिक्षण शिविर का किया उद्घाटन

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान से संचालित गृहे गृहे संस्कृतम् योजना के अंतर्गत नवम्बर मासीय बारह दिवसीय संस्कृत शिक्षण शिविर केंद्रों का उद्घाटन आभाषिक पटल पर सम्पन्न हुआ। यह प्रशिक्षण 29 नवम्बर तक चलेगा। जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 48 प्रशिक्षक सरल संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षा का संचालन करेंगे। 

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निदेशक विनय श्रीवास्तव ने कहा कि गृहे-गृहे संस्कृतम् योजना के द्वारा संस्कृत भाषा के प्रति बच्चे जागरुक हो रहे हैं। प्राथमिक पाठशाला से लेकर इन्टर कॉलेज तक छात्र एवं छात्राएं उत्साह पूर्वक संस्कृत भाषा का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होने बताया कि यह योजना छात्रों को संस्कृत पढ़ने के लिए प्रेरणादायी तथा संस्कृत भाषा में व्यवहारिकता प्रदान करने में कारगर सिद्ध हो रही है। संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी जगदानंद झा ने कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की गृहे गृहे संस्कृतम् योजना एक विशिष्ट योजना है। जिसके द्वारा जनपद ही नही ग्रामीण स्तर पर संचालित होकर पूरे प्रदेश में संस्कृत का प्रचार प्रसार हो रहा है। सरल सस्कृत भाषा का प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त सतत् अभ्याास अपेक्षित है। जिससे व्यवहारिक रूप से संस्कृत भाषा का परिमार्जन होता रहे। योजना प्रमुख भगवान सिंह चौहान ने कहा कि यह संस्थान की महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना है। जिसके ध्वजवाहक सभी प्रशिक्षकगण हैं। संस्कृत भाषा संस्कृति के प्रति नवचेतना का संचार करती है। ऑनलाइन समन्वयक दिव्यरंजन ने योजना का विषयोपस्थापन किया। उन्होने कहा कि इस योजना से संस्कृत को सीखे ही नहीं अपितु इसे आचरण में लाने की महती आवश्यकता है। भारत की संस्कृति की सार्थकता संस्कृत भाषा में ही नीहित है। प्रशिक्षण प्रमुख श्री धीरज मैठानी समागत अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए यह एक महनीय कार्य है। प्रदेश समन्वयक डॉ अनिल गौतम ने समागतों का स्वागत करते प्रस्ताविक का उपस्थापन किया। कहा कि संस्कृत भाषा भारतीयो के लिए संस्कृतिः और संस्कार का समन्वित रूप है जो जीवन को सुसभ्य बनाती है। 

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उद्घाटन सत्र में दिनेश मिश्र, महेन्द्र पाठक, नितेश श्रीवास्तव, पूनम मिश्रा, ऋषभ पाठक, शान्तनु मिश्र, शिवम गुप्ता, राधा शर्मा आदि मोजूद रहे। संचालन आनलाइन समन्वयक महेन्द्र मिश्र ने किया। कार्यक्रम का आरम्भ लौकिक मंगलाचरण से हुआ। जिसका वाचन प्रशिक्षिका नीतू सक्सेना ने किया। संस्थान गीतिका शिक्षिका अनुपमा मिश्रा ने प्रस्तुत किया। प्रशिक्षिका शिवा यादव ने शान्ति मंन्त्र के द्वारा कार्यक्रम का समापन किया। इस मौके पर प्राथमिक विद्यालय छेछरिहा खुर्द. के प्रधानाध्यापक.महेंद्र सिंह सहित छात्र, छात्राएं मौजूद रहे।

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