रोपे गए पौधों की डीएम ने मांगी सत्यापन रिपोर्ट
डीएम शिवशरणप्पा जीएन की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति, जिला पर्यावरण समिति एवं जिला वृक्षारोपण समिति...
मंदाकिनी नदी में बायोरेमेडिएशन व पालीथीन पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने के दिए निर्देश
चित्रकूट। डीएम शिवशरणप्पा जीएन की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति, जिला पर्यावरण समिति एवं जिला वृक्षारोपण समिति की बैठक कलेक्टर सभागार में संपन्न हुई।
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बैठक में वृक्षारोपण के संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि रोपित पौधों की विभागवार जिओ टैगिंग एवं रोपित किए गए पौधों की सत्यापन रिपोर्ट 15 दिसंबर तक शत प्रतिशत होनी चाहिए। रोपित पौधों की निराई, गुड़ाई, सिंचाई एवं सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित कराए। उन्होंने कहा कि केवल वृक्षारोपण से ही नहीं उसकी देखभाल भी जरूरी है। उन्होंने पर्यावरण के संबंध में कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णत प्रतिबंध रहे। अधिशासी अधिकारी कर्वी को निर्देशित किया कि इसमें जागरूकता की जरूरत है। इसका प्रचार प्रसार कराए। भंडारों में जो प्लास्टिक के पत्तल प्रयोग होते हैं उनकी जगह दोना पत्तल का प्रयोग करें। परिक्रमा मार्ग में जो मंदिरों मठो में फाइबर का दोना पत्तल प्रयोग होता है उसकी जगह पेड़ के पत्तों से बना दोना पत्तल का प्रयोग होनी चाहिए। मठों मंदिरों में जाकर जागरुक करे। पन्नियों पर पूर्णत प्रतिबंध रहना चाहिए। कहां की अभियान चलाएं। छापामारी कर पकड़े एवं जुर्माना लगाकर कार्रवाई करें।
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डीएम ने कहा कि रामघाट में जो गंदा पानी गिरता है उसका डीपीआर बना कि नहीं। जिस पर अधिशासी अधिकारी ने बताया कि इसकी डीपीआर बन गया है और जल्द ही अनुमति के लिए भेजा जाएगा। अधिशासी अभियंता जल संस्थान ने कहा कि जब सभी नालों को टैप कर लिया जाएगा तो गंदा पानी मंदाकिनी में नहीं जाएगा। ईओ से कहा कि एसटीपी जल्द नहीं बनता तब तक कोई वैकल्पिक बायोरेमेडीएशन की व्यवस्था कराए। जिससे गंदा पानी मंदाकिनी में न जाने पाए। जिला गंगा समिति सदस्य आशीष रघुवंशी ने कहा कि अरछा बरेठी के पास मंदाकिनी नदी में चेकडैम बना है। अगर वहां पर फाटक लग जाए तो मंदाकिनी में जो सिल्ट जमा है वह सब बारिश में साफ हो जाएगा। जिस पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान को निर्देशित किया कि निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रेषित करें। निजी स्वास्थ्य केंद्र द्वारा उत्पन्न जैविक चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन की मॉनिटरिंग भी करें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, प्रभागीय वनाधिकारी नरेंद्र सिंह, अपर प्रभागीय वनाधिकारी राजीव रंजन सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेश द्विवेदी सहित समिति के सदस्य व अधिकारी मौजूद रहे।