वरिष्ठ नागरिकों व फ्रंटलाइन वर्कर को बूस्टर डोज लगना शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते महीने कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक देने का ऐलान किया था। कोरोना महामारी की..

Jan 10, 2022 - 03:12
Jan 10, 2022 - 03:13
 0  5
वरिष्ठ नागरिकों व फ्रंटलाइन वर्कर को बूस्टर डोज लगना शुरू
फाइल फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते महीने कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक देने का ऐलान किया था। कोरोना महामारी की तीसरी लहर आ चुकी है और ऐसे में गंभीर बीमारियों से ग्रसित वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर को आज से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगना शुरू हो चुकी है, इसे प्रिकॉशन डोज कहा है।

प्रिकॉशन डोज की खुराक के लिए रजिस्ट्रेशन करने की कोई आवश्यकता नहीं है, जो पात्र हैं वे सीधे अपॉइंटमेंट ले सकते हैं या टीकाकरण केंद्र पर जा सकते हैं। सभी वयस्कों के लिए बूस्टर खुराक पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

यह भी पढ़ें - तेलंगाना के कैबिनेट मंत्री प्रकाश राव ने भरी हुंकार, वर्ष 2027 तक बुंदेलखंड पृथक राज्य बन जाएगा

स्वास्थ्य और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग जिन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और पुरानी बीमारियां हैं, वे बूस्टर डोज ले सकते हैं। हालांकि पात्र लोगों को कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के 9 महीने बाद ही बूस्टर खुराक दी जाएगी।

प्रिकॉशन डोज में पात्र लोगों को वहीं वैक्सीन लगाई जाएगी, जो उन्हें पहली और दूसरी खुराक के लिए मिली है। केंद्र ने कहा है कि जो वैक्सीन पहले ली जा चुकी है, वही वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर दी जाएगी यानि जिन लोगों को सीरम इंस्टिट्यूट के वैक्सीन कोविशील्ड की दो खुराक मिली है, उन्हें उसी की तीसरी खुराक दी जाएगी, जबकि जिन्हें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन दी गई है, उन्हें भी कोवैक्सिन की तीसरी खुराक दी जाएगी।

यह भी पढ़ें - बांदा में बढी कोरोना मरीजों की रफ्तार, सीएमओ सहित एक दिन में 19 संक्रमित

  • क्यों जरूरी है बूस्टर डोज

कोरोना वैक्‍सीन का करीब 6 माह में असर खत्म हो जाता है या कम होने लगता है। डॉक्टरों के मुताबिक डेल्‍टा के मुकाबले ओमिक्रान वेरिएंट तीन गुना ज्‍यादा संक्रामक है। ऐसे में कोरोना संक्रमित होने की आशंका ऐसे लोगों में ज्यादा है, जिन्होंने सबसे पहले वैक्सीन लगवाई थी और 6 महीने से ज्यादा समय हो चुका है।

ऐसे में बुजुर्गों के फिर से संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। दूसरे डोज और प्रिकाशनरी डोज के बीच 9 महीने से 12 महीने के बीच का गैप होना चाहिए।

यह भी पढ़ें - ओमिक्रोन का संकट : देश में अबतक 3007 मामलों की पुष्टि

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 1
admin As a passionate news reporter, I am fueled by an insatiable curiosity and an unwavering commitment to truth. With a keen eye for detail and a relentless pursuit of stories, I strive to deliver timely and accurate information that empowers and engages readers.