युवा पीढ़ी के प्रेरणास्रोत डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन से प्रेरणा लेकर छात्रों ने लिया संकल्प

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बाँदा में पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी के...

युवा पीढ़ी के प्रेरणास्रोत डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन से प्रेरणा लेकर छात्रों ने लिया संकल्प

अतर्रा (बांदा)। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बाँदा में पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में विश्व छात्र दिवस का भव्य आयोजन किया गया। आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन समिति, विज्ञान क्लब, और विज्ञान भारती बांदा-चित्रकूट के सहयोग से यह कार्यक्रम संस्थान के सेमिनार हॉल में संपन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन, उनके आदर्शों और देश के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए छात्रों ने उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. कलाम के जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई, जिसमें उनकी उपलब्धियों और वैज्ञानिक योगदान का विवरण दिया गया। इसके बाद छात्रों के बीच एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें उन्होंने विज्ञान और डॉ. कलाम के जीवन से जुड़े सवालों का उत्साहपूर्वक जवाब दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए द्वितीय वर्ष के छात्र प्रदीप चौधरी ने कहा, "डॉ. अब्दुल कलाम का जीवन हम सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने हमेशा हमें कठिन परिश्रम और समर्पण से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रेरणा दी।"

प्रथम वर्ष की छात्रा प्रकृति राज ने डॉ. कलाम के जीवनवृत्त पर आधारित संस्मरण प्रस्तुत किया और उनकी अद्वितीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस दौरान छात्र गिरीश राघव ने अपनी ओजस्वी कविता के माध्यम से पूरे सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया।

संस्थान के निदेशक प्रो. एस.पी. शुक्ल ने अपने संबोधन में कहा, "डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन पूरी तरह से शिक्षा और छात्रों के प्रति समर्पित रहा है। उन्होंने छात्रों को हमेशा बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों ने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया।"

कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव डॉ. आशुतोष तिवारी ने छात्रों को आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन समिति और विज्ञान भारती के उद्देश्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा, "डॉ. कलाम के नेतृत्व में अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया गया, जिसने भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूत किया।"

इस कार्यक्रम में डॉ. अर्चना सिंह, हर्ष खरे, नितिन सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। संचालन का कार्य छात्र आदित्य गौतम ने किया।

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