भाजपा के सहयोगी दल अपना दल एस व निषाद पार्टी की दावेदारी से बुंदेलखंड की 6 सीटों पर फंसा पेंच

भारतीय जनता पार्टी ने बुंदेलखंड की 19 में से 13 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। 6 सीटों पर अभी तक कोई निर्णय..

Jan 22, 2022 - 04:49
Jan 22, 2022 - 04:51
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भाजपा के सहयोगी दल अपना दल एस व निषाद पार्टी की दावेदारी से बुंदेलखंड की 6 सीटों पर फंसा पेंच
भाजपा के सहयोगी दल अपना दल एस व निषाद पार्टी की दावेदारी से बुंदेलखंड की 6 सीटों पर फंसा पेंच..

भारतीय जनता पार्टी ने बुंदेलखंड की 19 में से 13 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। 6 सीटों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। भाजपा का अपनी सहयोगी पार्टी अपना दल-एस व निषाद पार्टी से बुंदेलखंड को लेकर पेच फंसा हुआ है।

अनुप्रिया पटेल की पार्टी भाजपा से गठबंधन में बुंदेलखंड की मऊरानीपुर और मानिकपुर सीट मांग रही है। वही निषाद पार्टी बांदा की तिन्दवारी व हमीरपुर सीटपर दावेदारी कर रही है। इस पर दोनों ही पार्टियों के शीर्ष स्तर पर मंथन चल रहा है। इसलिए अभी तक बुंदेलखंड की छह सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं हो पाए हैं। 

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पिछले सात सालों में भाजपा ने बुंदेलखंड को अपना मजबूत गढ़ बना लिया है। चाहें 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव हों या फिर 2017 का विधानसभा चुनाव, भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की है। यही नहीं, उपचुनाव तक में भगवा परचम यहां लहराया है। मगर अब भाजपा की गठबंधन की साथी अपना दल-एस बुंदेलखंड की दो सीटों पर दावेदारी कर रही है। पार्टी का सबसे ज्यादा जोर झांसी जिले की मऊरानीपुर सीट पर है।

अपना दल-एस के नेताओं का तो कहना है कि मऊरानीपुर सीट तो उन्हें मिलनी लगभग तय हो गई है। अब मानिकपुर पर बात चल रही है। वहीं, शुक्रवार देर शाम बुंदेलखंड की 19 में से 13 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। सूत्रों ने बताया कि छह सीटों पर गठबंधन की सीटों पर पेच फंसा होने से प्रत्याशी तय नहीं हुए हैं। एक-दो दिन में तस्वीर साफ होने की संभावना है।

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उधर जनपद बांदा में तिन्दवारी विधानसभा सीट पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया। यहां से विधायक रहे बृजेश प्रजापति समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं, वही कांग्रेस के पूर्व विधायक  दलजीत सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया है। चर्चा है कि भाजपा इस सीट पर दलजीत सिंह को चुनाव मैदान में उतार सकती है। जबकि  राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस सीट पर निषाद पार्टी दावा कर रही है।

इसी वजह से इस सीट पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। इसी पार्टी की वजह से हमीरपुर की सीट भी फंसी हुई है।बताते चलें कि हमीरपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव में निर्वाचित हुए युवराज सिंह लोकप्रिय नेता है। भाजपा में एकमात्र ऐसे नेता है जो मौदहा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं में भी अत्यंत लोकप्रिय हैं और पिछले बार  इसी क्षेत्र से लीड ली थी। उनकी जनपद हमीरपुर में निर्विवाद नेता के रूप में छवि बनी हुई है। यहां से प्रत्याशी बदलना भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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भाजपा अपना दल-एस को गठबंधन में मऊरानीपुर सीट यदि दे देती है तो वो एक शर्त भी रख सकती है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा अपने प्रत्याशी को अपना दल-एस से चुनाव लड़ा सकती है। इसको लेकर भी बातचीत चल रही है। 

अपना दल-एस के  बुंदेलखंड प्रभारी, कालका प्रसाद पटेल का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपना दल-एस को गठबंधन में मऊरानीपुर सीट दे दी है। इसके अलावा मानिकपुर सीट को लेकर बात चल रही है। प्रत्याशी को लेकर शीर्ष नेतृत्व अंतिम फैसला लेगा।

बुंदेलखंड से इन्हें मिला टिकट 

  1. उरई- गौरी शंकर वर्मा
  2. माधोगढ़- मूलचंद्र निरंजन
  3. बबीना- राजीव पारीछा
  4. झांसीनगर- रवि शर्मा 
  5. गरौठा- जवाहर राजपूत
  6. ललितपुर- रामरतन कुशवाहा
  7. महरौनी- मनोहर लाल ’मन्नू’ कोरी
  8. राठ- मनीषा अनुरागी
  9. महोबा- राकेश गोस्वामी
  10. चरखारी- बृजभूषण राजपूत
  11. बबेरू- अजय पटेल
  12. नरैनी- ओममनी वर्मा
  13. बांदा- प्रकाश द्विवेदी

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