13 साल बाद इसरो के इस वैज्ञानिक को दी जाएगी मानद उपाधि

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय 13 साल बाद फिर से मानद उपाधि देने जा रहा है। 30 सितंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में अहमदाबाद स्थित इसरो के स्पेस...

13 साल बाद इसरो के इस वैज्ञानिक को दी जाएगी मानद उपाधि

झांसी।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय 13 साल बाद फिर से मानद उपाधि देने जा रहा है। 30 सितंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में अहमदाबाद स्थित इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नितिन देसाई को ये उपाधि दी जाएगी। इससे पहले बीयू पूर्व प्रधानमंत्री से लेकर फिल्म अभिनेता तक को ये उपाधि दे चुका है।

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केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। साथ ही उन्हें मानद उपाधि भी बीयू ने दी थी। मगर मानद उपाधि की सूची में सबसे बड़ा नाम पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का शामिल है। हालांकि, उन्हें निवास स्थान पर जाकर यह उपाधि दी गई थी। इसके अलावा महानायक अमिताभ बच्चन को भी बीयू ने डॉक्टरेट ऑफ साइंस की उपाधि से नवाजा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को भी ये उपाधि बीयू दे चुका है। इसी तरह, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे प्रो. एआर किदवई, हरियाणा के गवर्नर रहे बाबू परमानंद, एमपी के राज्यपाल रहे भाई महावीर, झांसी के प्रथम सांसद राघुनाथ विनायक धूलेकर, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सुशीला नय्यर, यूजीसी चेयरमैन रह चुके प्रो. हरि प्रताप गौतम, लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष रहे माताप्रसाद, पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद, जापान यूनिवर्सिटी के चांसलर रहे दायसाकू ईकेटा को भी बीयू द्वारा मानद उपाधि से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा कई वैज्ञानिकों को भी डॉक्टरेट की उपाधि मिल चुकी है। अंतिम बार दो जनवरी 2009 को हुए दीक्षांत समारोह में राजनायिक रहे नरेंद्र सिंह सरीला को बीयू ने ये उपाधि दी थी। फिर 13 साल तक बीयू ने किसी को भी मानद उपाधि नहीं दी। इस दीक्षांत समारोह में बीयू फिर से मानद उपाधि देने जा रहा है।

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क्या है मानद उपाधि
किसी शख्स को उनके उत्कृष्ट काम या समाज में बेहतरीन योगदान देने के लिए ऑनरेरी डिग्री (मानद उपाधि) दी जाती है।इससे विश्वविद्यालय का ही सम्मान बढ़ता है।

दीक्षांत समारोह दिखाई देगा बड़ा परिवर्तन  
दीक्षांत समारोह की तैयारियां पूरे जोरों पर चल रही हैं. इस बार दीक्षांत समारोह में कुछ बड़े परिवर्तन होने जा रहे हैं। पहला परिवर्तन तो यह है कि इस बार दीक्षांत समारोह गांधी सभागार के स्थान पर पुराने दीक्षांत ग्राउंड में होगा। दरअसल, कुछ वर्षों से दीक्षांत समारोह को गांधी सभागार में आयोजित किया जा रहा था। इस वजह से अधिकतर विद्यार्थी और शिक्षक इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाते थे.।इस बात को ध्यान में रखते हुए इस बार कार्यक्रम पुराने स्थल दीक्षांत ग्राउंड में किया जाएगा।

 इस वैज्ञानिक को दी जाएगी मानद उपाधि
दूसरा बड़ा परिवर्तन यह है कि लंबे समय बाद बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा किसी व्यक्ति को मानद उपाधि दी जाएगी। इस बार यह मानद उपाधि इसरो के अहमदाबाद केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई को दी जाएगी। नीलेश देसाई चंद्रयान-3 मिशन से भी जुड़े रहे हैं. चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर के कई महत्त्वपूर्ण पार्ट्स बनाने में नीलेश देसाई का योगदान रहा है। उनकी इसी योगदान को सम्मानित करने के लिए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि दी जा रही है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पांडेय ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन से पूरा भारत गौरवान्वित है। इस महत्वपूर्ण मिशन से जुड़े निलेश देसाई को यह मानद उपाधि देना पूरे विश्वविद्यालय परिवार के लिए गौरव की बात है।

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