गायक पवन तिवारी के भजन एवं आनन्द रघुनन्दन नाट्य की प्रस्तुतियों ने बांधा समां

दीनदयाल शोध संस्थान में भारतरत्न नाना जी देशमुख के जन्मदिवस शरद पूर्णिमा के अवसर पर पारम्परिक एवं समकालीन...

गायक पवन तिवारी के भजन एवं आनन्द रघुनन्दन नाट्य की प्रस्तुतियों ने बांधा समां

नाना जी के 108वे जन्मदिवस पर शरदोत्सव का हुआ शुभारम्भ

चाँदनी रात में दर्शकों ने लिया खीर का आनंद

चित्रकूट। दीनदयाल शोध संस्थान में भारतरत्न नाना जी देशमुख के जन्मदिवस शरद पूर्णिमा के अवसर पर पारम्परिक एवं समकालीन कलाओं पर केन्द्रित तीन दिवसीय शरदोत्सव का शुभारम्भ हुआ।

यह भी पढ़े : सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक बदलाव : न्याय की देवी की मूर्ति में हुए महत्वपूर्ण परिवर्तन

बुधवार को मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार, महंत दिव्यजीवन दास, डॉ रामनारायण त्रिपाठी संत मैथिली, पवन बाबा, पूर्व मंत्री ऊषा ठाकुर, कुलगुरु महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रो भरत मिश्रा, महापौर सतना योगेश ताम्रकार, मोहन नागर उपाध्यक्ष जन अभियान परिषद, कलेक्टर सतना अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक सतना आशुतोष गुप्ता, वीरेंद्र चतुर्वेदी सदस्य प्रबंध समिति दीनदयाल शोध संस्थान, कोषाध्यक्ष वसंत पंडित ने राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के 108वें जन्मदिवस शरद पूर्णिमा पर उनके चित्र के समक्ष पुष्पार्चन व दीप प्रज्जवलन कर किया। कैबिनेट मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शरद पूर्णिमा के दिन दो महापुरुषों महर्षि वाल्मीकि और राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की जयंती का विशेष दिन है। भगवान् राम का चित्रकूट की धरा पर जिस तरह कण कण में निवास है उसी तरह नानाजी का योगदान भी अमिट है। हर काल खंड में किसी न किसी महापुरुष ने जन्म लिया है और समाज को दिशा देने का कार्य किया है।

यह भी पढ़े : उप्र : खान-पान में मिलावट पर कड़ी कार्रवाई : मुख्यमंत्री, नया कानून जल्द

प्रथम दिवस की सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत गोंडवाना संस्कृति पर आधारित लोकनृत्य जलवा से हुई। जिसे कृष्णा देवी वनवासी बालिका विद्यालय की बच्चियों द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसमें पारंपरिक पोशाक पहने हुए महिला कलाकारों ने तबला, हारमोनियम, नगड़िया, मंजीरा, रामतूला, और लोकगीतों की थाप पर थिरकना शुरू किया तो सभागार में मौजूद दर्शक दंग रह गए। सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के बच्चों ने मराठी संस्कृति की झलक लावणी, गुजरात का गरवा एवं राजस्थान के घूमर लोकनृत्य का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा गुजरात के प्रसिद्ध लोकनृत्य गरबा में माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना को प्रस्तुत किया गया। जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने योग पर आधारित खूबसूरत प्रदर्शन किया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में सुरेन्द्रपाल विद्यालय के पुरातन छात्र परिषद के प्रवीण कुमार टीम की सीता हरण की आकर्षक प्रस्तुति रही। आनन्द रघुनन्दन नाट्य प्रस्तुति निर्देशन अनामिका सिंह परिहार सतना की प्रस्तुति हुई। अंत में सुप्रसिद्ध भजन गायक पवन तिवारी टीकमगढ़ ने मंच संभाला और देर रात्रि तक एक के बाद एक भजनों से नाना जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने आभार जताया। शरदपूर्णिमा की चाँदनी में दर्शकों ने खीर का आनंद भी लिया।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0