हमीरपुर के सैकड़ों गांवों में गरीबों को नहीं मिला राशन

हमीरपुर जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारने वाले अस्सी हजार गरीब परिवारों को राशन के लाले पड़े है..

हमीरपुर के सैकड़ों गांवों में गरीबों को नहीं मिला राशन

  • 80 हजार गरीबों के घरों में चूल्हे बुझने के कगार पर

हमीरपुर जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारने वाले अस्सी हजार गरीब परिवारों को राशन के लाले पड़े है। महीने से मुफ्त खाद्यान्न न मिलने से अब गरीब परिवार परेशान है। महंगाई के इस दौर में वह बाजार से खाद्यान्न खरीदकर किसी तरह पेट भरने को मजबूर है लेकिन उनके घरों के चूल्हे भी बुझने के मुहाने आ गए है। योगी सरकार में हमीरपुर समेत पूरे प्रदेश में गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न मुहैया करा रही है। मुफ्त खाद्यान्न वितरण योजना में महीने में एक बार रिफाइन्ड तेल, चना और नमक भी गरीबों को दिया जा रहा है।

गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिताने वाले लाखों गरीब परिवारों को अर्से से हर माह दो बार मुफ्त राशन मिलता था फिर विधानसभा चुनाव के बाद अब महीने में एक बार ही मुफ्त खाद्यान्न गरीबों को दिया जा रहा है। इधर हमीरपुर शहर में ही इस माह तमाम राशन की दुकानों से गरीबों को खाद्यान्न नहीं मिल पाया है वहीं जिले के पचास फीसदी से अधिक गांवों में भी गरीब खाद्यान्न पाने से वंचित रह गए है। तमाम कोटेदारों ने बताया कि खाद्यान्न न मिलने के कारण यह समस्याएं आई है। लेकिन जल्द ही व्यवस्थाएं पटरी पर आएगी।

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  • अब महीने में एक बार खाद्यान्न मिलना हुआ मुश्किल

गरीब उपभोक्ताओं ने बताया कि विधानसभा चुनाव तक मुफ्त राशन बड़ी ही आसानी से मिलता था लेकिन इधर तीन माह से महीने में एक बार ही खाद्यान्न मिलना मुश्किल हो गया है। जुलाई माह में तो एक बार भी राशन नहीं बांटा जा सका वहीं अगस्त महीना बीतने को है लेकिन गरीबों को खाद्यान्न नहीं दिया जा सका।

गरीब परिवार राशन के लिए कोटेदारों से पता करते है तो जवाब मिलता है कि राशन अभी नहीं आया है। सार्वजनिक वितरण की नई नीति के हिसाब से ठेकेदारों के जरिए खाद्यान्न दुकानों तक भेजा जाना है। लेकिन ठेकेदार खाद्यान्न नहीं भिजवा पा रहे है। अकेले सुमेरपुर क्षेत्र के 63 गांवों में राशन की दुकानें है जहां 24 गांवों में ही खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है।

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  • पचास फीसदी कोटेदारों ने गरीबों को बांटा खाद्यान्न

जिले में 487 राशन कोटे की दुकानें है। जिनके जरिए 2.31 लाख से अधिक गरीबों को खाद्यान्न वितरित होता है। इनमें 36022 लाल कार्ड धारक है वहीं 195567 कार्ड पात्र गृहस्थी के उपभोक्ता है। बताते है कि एक महीने का खाद्यान्न का उठान न होने से ये लेप्स हो गया है। खाद्यान्न न मिलने के कारण जिले में 80 हजार गरीब खाद्यान्न से वंचित हो गए है।

जबकि पूरे प्रदेश में लाखों गरीबों को राशन की दुकानों से खाद्यान्न नहीं मिल सका। जिला पूर्ति अधिकारी बृजेश शुक्ला ने बुधवार को बताया कि खाद्यान्न का आवंटन होते ही गरीब उपभोक्ताओं में वितरण कराया जाएगा। बताया कि महीने में एक बार मुफ्त खाद्यान्न के वितरण में चावल कोटे से बंटवाए जाने का प्रावधान है।

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हि.स

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