झांसी में बढ़ते जल संकट के लिए परमार्थ ने शुरू किया वाटर ऑडिट
भले ही झांसी को बुन्देलखण्ड में सुविधाओं के तौर पर सबसे अच्छे शहर के नाम से जाना जाता हो लेकिन वर्षों से चली आ रही यहां पेयजल..
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भले ही झांसी को बुन्देलखण्ड में सुविधाओं के तौर पर सबसे अच्छे शहर के नाम से जाना जाता हो लेकिन वर्षों से चली आ रही यहां पेयजल संकट की समस्या अभी भी खत्म नहीं हुयी है। जैसे ही गर्मियों का मौसम आता है, शहर में पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। शहर को स्मार्ट सिटी घोषित हुये भी लगभग 5 वर्ष बीत गये हैं लेकिन नगरवासियों को पानी के संकट से 5 वर्ष पहले जूझना पड़ता था वह अब भी जारी है।
महानगर की जनसंख्या 6 लाख के लगभग है। लोगों की प्यास बुझाने के लिए महानगर में पाइप लाइन सप्लाई के साथ 29 ट्यूबवेल लगे हैं और 3286 हैंडपंप है। पानी की आवश्यकता 78.51 एमएलडी की है, जबकि पानी की उपलब्धता 65.47 एमएलडी है। एक एमएलडी में 10 लाख लीटर पानी होता है। सरकार के अनुसार एक व्यक्ति को प्रतिदिन अपनी आवश्यकता के अनुसार 55 लीटर पानी खपत करने का अधिकार है लेकिन नगरवासियों को इससे आधा पानी भी प्रति व्यक्ति नहीं मिल रहा है।
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- दर्जन भर से अधिक मोहल्लों में पानी की किल्लत
वर्तमान में महानगर के एक दर्जन (लक्ष्मण गंज, बिसात खाना, दारीगरन, अलीगोल खिड़की बहार, दतिया गेट बहार, उन्नाव गेट बहार, बड़ा गांव गेट बहार, मुकरयाना, बांग्ला घाट, गुदरी, गुमनावारा, नगरा, सीपरी बाजार, मसीहागंज) से अधिक मोहल्लों में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। जहां नलों के द्वारा पानी की सप्लाई तो की जाती है पर थोडी देर तक ही नल आते है। वही असमय टैंकरों का आना लोगों की मुसीबत बना हुआ है।
जल जन जोड़ो के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने नगर की सबसे पुराने जल स्त्रोत धर्मशाला का अवलोकन किया। बताया कि झांसी शहर में भूगर्भ जल स्तर के लगातार नीचे गिरने से पेयजल की उपलब्धता में कमी आयी है। इसके लिए परमार्थ संस्था द्वारा वाटर ऑडिट किया जा रहा है। इसके माध्यम से झांसी के नगरवासियों को उनके जरूरत के हिसाब से कितना कम पानी मिल रहा है इसके बारे में पता किया जायेगा।
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- ऑडिट का निष्कर्ष होगा सार्वजनिक
ऑडिट के दौरान क्षेत्र में पेयजल संकट को कम करने के लिए क्या कार्य किये जा सकते हैं इसका भी चिन्हाकंन कर जिला प्रशासन, मीडिया, समाज के जागरूक लोगों को अध्ययन से निकले निष्कर्षो से अवगत कराया जायेगा।
इस दौरान ग्वालटोली के हेमन्त, चारखम्बा के मोहन कुशवाहा, रजनीश, सरायं मोहल्ला की मौसिम ने बताया कि यह समस्या पिछले एक माह से है, इस बारे में लगातार प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है, लेकिन अभी भी उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो रही है।
वाटर ऑडिट टीम के प्रमुख परमार्थ संस्था के समन्वयक सतीश चन्द्र ने बताया कि लोगों के सामने पेयजल की समस्या है, पीने के पानी का जुटाने के लिए शहर के बाशिन्दे पूरे दिन लगे रहते हैं। टैंकर के माध्यम से जो पानी मिल भी रहा है वह वक्त पर नहीं मिल रहा है एवं जितने पानी की जरूरत है उससे आधा से भी कम पानी उपलब्ध हो रहा है।
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हि.स
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