हमीरपुर : परिवार नियोजन साधनों के प्रति लाभार्थियों को करें जागरूक
मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने के उपायों पर भी एएनएम को जानकारी दी गई, कार्यशाला में परिवार नियोजन के साधनों के प्रति लाभार्थियों को..
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के मकसद से मंगलवार को टीबी क्लीनिक सभागार में सेवा प्रदाताओं (एएनएम) की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में परिवार नियोजन के साधनों के प्रति लाभार्थियों को जागरूक करने के बारे में उनका आह्वान किया गया।
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कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरके सचान ने कहा कि परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग करने वाले लाभार्थियों को उसके फायदे के बारे में भी जागरूक किया जाए ताकि लाभार्थियों की रुचि इन साधनों में बढ़े।
अक्सर साधन उपलब्ध होने के बावजूद लाभार्थी इनका प्रयोग नहीं करते, जिससे कार्यक्रम प्रभावित होता है। भ्रमण के दौरान एएनएम ऐसे लाभार्थियों से मिलकर उनकी शंकाओं का भी समाधान करें। एसीएमओ डॉ.पीके सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में हमेशा परिवर्तन होता रहता है, इसलिए एएनएम भी इन कार्यक्रमों के प्रति जागरूक रहें ताकि लाभार्थियों को लाभ मिलता रहे।
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कार्यशाला में जिला स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी अनिल यादव ने कहा कि भ्रमण के दौरान एएनएम गर्भवती, धात्री महिलाओं और किशोरियों की समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उनका समाधान भी कराएं। गर्भवती को एक बच्चे के बाद दूसरे बच्चे में तीन साल का अंतर होने के फायदे बताएं। किशोरियों में अक्सर एनीमिया की शिकायत होती है, इसकी वजह से उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए किशोरियों को भी इस बात के लिए जागरूक करें कि वह समय-समय पर ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) में अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराती रहें।
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जिला महिला अस्पताल की स्टाफ नर्स राधा ने प्रसव पूर्व होने वाली जांचों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु दर का यह बड़ा कारण होता है। अक्सर गर्भधारण के पश्चात महिलाएं जांचें कराने में लापरवाही करती हैं और जब प्रसव का समय नजदीक आता है तो दिक्कतें खड़ी हो जाती हैं। उन्होंने महिलाओं को गर्भनिरोधक के अन्य साधनों के प्रति भी जागरूक करने की बात कही।
अंतरा इंजेक्शन और छाया टेबलेट के बेहतर नतीजों को देखते हुए ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को इन दोनों नवीन गर्भनिरोधक साधनों की जानकारी देने की बात कही। परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने भी परिवार नियोजन से जुड़े कार्यक्रमों के प्रति लाभार्थियों को जागरूक करने का आह्वान किया।
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परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.रामअवतार ने बताया कि जुलाई से अक्टूबर तक जनपद में 336 महिलाएं और 17 पुरुषों की नसबंदी हुई है। गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन के लाभार्थियों की संख्या इसी अवधि में 1100 के पार कर चुकी है। जबकि छाया टेबलेट लेने वाले लाभार्थियों का आंकड़ा 7000 के पार है।
अप्रैल से लेकर अब तक प्रसव पश्चात (पीपीआईयूपीडी) 1392 महिलाओं के कॉपर टी लगाई गई है। जबकि कॉपर टी (आईयूसीडी) लगवाने वाली महिलाओं की संख्या 6543 पहुंच चुकी है।
हिन्दुस्थान समाचार