खजुराहो नृत्य समारोह शनिवार से होगा शुरू, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर करेंगी शुभारंभ

विश्व-प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में आगामी 20 से 26 फरवरी तक 47वें 'खजुराहो नृत्य समारोह-2021' का..

खजुराहो नृत्य समारोह शनिवार से होगा शुरू, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर करेंगी शुभारंभ

भोपाल,  

विश्व-प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में आगामी 20 से 26 फरवरी तक 47वें 'खजुराहो नृत्य समारोह-2021' का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर शनिवार, 20 फरवरी को रात्रि 7.00 बजे इस नृत्य महोत्सव का शुभारंभ करेंगी।

जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उईके ने बताया कि संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर 20 फरवरी को सुबह ओरछा में ग्रामीण पर्यटन अंतर्गत विकसित किये गये प्रथम ग्राम लाडपुराखास का उद्घाटन करेंगी और इसके बाद खजुराहो के लिये प्रस्थान करेंगी।

वे शाम को खजुराहो नृत्य महोत्सव का शुभारम्भ कार्यक्रम में शामिल होंगी और यहां रैनफाल का भी निरीक्षण करेंगी। मंत्री उषा ठाकुर अगले दिन 21 फरवरी को सुबह खजुराहो में फूड एण्ड क्रॉफ्ट इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लेंगी।

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संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि खजुराहो नृत्य समारोह भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों पर केन्द्रित देश का शीर्षस्थ समारोह है, जो राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है।

समारोह लगभग 44 वर्ष बाद एक बार फिर मंदिर प्रांगण की आभा बनेगा। यह भगवान की भक्ति और नृत्य का बेजोड़ संगम होगा।

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उन्होंने बताया कि खजुराहो के इस समारोह में देश एवं विश्व के विख्यात कलाकार अपनी नृत्य प्रस्तुतियाँ देंगे।

यहाँ भारतीय नृत्य-शैलियों के सांस्कृतिक परिदृश्य एवं कला-यात्रा की प्रदर्शनी, भरतनाट्यम पर एकाग्र-नेपथ्य, ललित कलाओं का मेला-आर्ट मार्ट, संस्कृति के विभिन्न आयामों पर विमर्श-कलावार्ता, देशज कला परम्परा का मेला-'हुनर' के साथ-साथ कला, कलाकार एवं कला परम्परा पर केन्द्रित फिल्मों का उपक्रम-चलचित्र और टेराकोटा एवं सिरेमिक पर केन्द्रित कार्यशाला एवं प्रदर्शनी-समष्टि जैसे प्रमुख आयोजन भी होंगे।

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शुक्ला ने बताया कि खजुराहो नृत्य समारोह की शुरुआत 1975 में मंदिर प्रांगण से ही हुई थी। आरंभ के दो-तीन वर्षों बाद ही इसे मंदिर प्रांगण में करने की अनुमति नहीं मिली।

इसके परिणाम स्वरूप यह समारोह बाहर मैदान में किया जाने लगा। समारोह के आयोजक संस्कृति विभाग ने समारोह को मंदिर प्रांगण में कराने की कोशिशें लगातार जारी रखी और अंततः इस वर्ष सफलता मिली।

प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि प्रदेश की संस्कृति पर्यटन का प्रमुख आधार है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने के साथ कला प्रेमी, पर्यटन का लुफ्त भी उठाएंगे।

पर्यटन विभाग ने पर्यटकों के लिए क्षेत्र विशेष की संस्कृति, धरोहर, परंपराओं, रीति-रिवाजों और खान-पान से रू-ब-रू कराने के सारे आवश्यक इंतजाम किए हैं।

समारोह के दौरान हेरिटेज वॉक्स, धुबेला संग्रहालय की बस यात्रा, ई-बाइक यात्रा, कैंपिंग, गाँव की सैर और जल क्रीड़ा जैसी रोचक गतिविधियों में हिस्सा लेने के साथ स्थानीय संस्कृति, कला और स्थानीय व्यंजनों के स्वाद से पर्यटक परिचित होंगे।

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हि.स

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