महगाई : बाजार में दाल, सब्जियों के मूल्य आसमान छू रहे
जहां एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार अरहर की दाल के बढ़ते मूल्यों को नियन्त्रण करने के लिए कई प्रकार की...
राजापुर (चित्रकूट)। जहां एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार अरहर की दाल के बढ़ते मूल्यों को नियन्त्रण करने के लिए कई प्रकार की योजनाएँ लागू करने का निर्णय लिया है वहीं अरहर की दाल आम जनमानस व गरीबो की थाली से गायब होती जा रही है। बाजार में सब्जियों के मूल्य आसमान छू रहे हैं। जिससे मजदूर, गरीब, असहाय लोग सब्जी और दाल देखने को तरस रहे हैं।
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दलहन में अरहर, मूँग, उड़द एवं चना की दालों का मूल्य अधिक हो जाने के कारण मजदूर व गरीब तपके के लोग बाजार से न खरीद पाने के चलते उनकी थाली से दाल गायब होती जा रही है और दूसरी तरफ बाजार में सब्जियों के दामों में बढ़ोत्तरी हो जाने के कारण गरीब परिवार के लोग सब्जी खाने के लिए तरस रहे हैं। बाजार में प्रतिदिन टमाटर के भाव बढ़ते जा रहे हैं। आलू करेला भिण्डी, नेनुआ, लौकी आदि सब्जियाँ भी महंगी बिक रही हैं।
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राजापुर के सुंदरलाल द्विवेदी, ग्रामीण क्षेत्र के छीबो निवासी सारंगधर मिश्र व राकेश श्रीवास ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मोटे अनाजों के उत्पादन में काफी जोर दे रही है लेकिन अन्ना गौवंशों के कारण खरीफ की फसलें किसान नहीं बो पाता है। जिससे मोटे अनाजों का उत्पादन क्षेत्र से गायब होता नजर आ रहा है। जब तक अन्ना गौवंशों पर नियन्त्रण व गौशालाओं में संरक्षित गौवंशों के भरण पोषण की समुचित व्यवस्था नहीं होती तब तक अरहर, ज्वार, बाजरा, मूँग, उड़द आदि मोटे अनाजों की पैदावार होना असम्भव है।
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सरकार द्वारा अन्ना गौवंशों को संरक्षित करने के लिए ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव को कड़े निर्देश तो जारी किए हैं लेकिन उसका अनुपालन नहीं करते हैं। यदि अन्ना गौवंशों को संरक्षित कर लिया जाए तो मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि बाजार में बड़े व्यापारियों के द्वारा जमाखोरी, मुनाफाखोरी के चक्कर में दालों का भारी स्टॉक कर लेने से दालों की कीमतें आसमान छू रही हैं। जिससे गरीबों की रसोई में दाल नहीं पकती है।