रिमझिम इस्पात प्लांट की क्षमता बढ़ने से ऑक्सीजन में चित्रकूट मंडल को मिलेगी राहत
कोविड अस्पतालों को मात्र 1रुपये में ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रहे भरुआसुमेरपुर रिमझिम इस्पात प्लांट की क्षमता बढ़ने से चित्रकूट मंडल में ऑक्सीजन..
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कोविड अस्पतालों को मात्र 1रुपये में ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रहे भरुआसुमेरपुर रिमझिम इस्पात प्लांट की क्षमता बढ़ने से चित्रकूट मंडल में ऑक्सीजन किल्लत से राहत मिलने की संभावना है। इस प्लांट द्वारा बांदा राजकीय मेडिकल कॉलेज को प्रतिदिन 200 सिलेंडर भेजे जा रहे है।
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बताते चलें कि प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के पहल पर पेट्रोलियम एंड एक्प्लोसिवेस सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पीईएसओ) ने रिमझिम इस्पात के ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता को चार गुना बढ़ा दिया है। जहां 24 नोजल लगे थे। वहीं औद्योगिक मंत्री के पहल पर 96 नोजल की अनुमति मिल गई है। प्रबंध तंत्र ने 71 नोजल लगवाकर काम भी शुरू करा दिया है। अब ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता 1000 से बढ़कर डेढ़ हजार सिलिंडर प्रतिदिन हो गई है।
कस्बे में रिमझिम इस्पात फैक्टरी में ऑक्सीजन प्लांट में रिफिलिंग का कोई इंतजाम नहीं था। लिहाजा पूरी फैक्टरी में पाइपलाइन के जरिये सप्लाई होती थी। फैक्टरी मैनेजर मनोज गुप्ता ने बताया 19 अप्रैल को ऑक्सीजन गैस की बढ़ती किल्लत को देखकर डीएम डॉ. ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने रिमझिम इस्पात का दौरा करके ऑक्सीजन मुहैया कराने को कहा था। इस पर कंपनी ने अपनी सहमति प्रदान कर दी, लेकिन सिलिंडर कैसे भरे जाएंगे यह सवाल खड़ा हो गया। तब जिलाधिकारी ने अधिकारियों से संपर्क करके 24 नोजल लगाने की स्वीकृति दिलाई।
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इनके लगने पर कंपनी ने कोरोना हॉस्पिटलों को ऑक्सीजन की आपूर्ति महज एक रुपये में शुरू की। खबर को संज्ञान में लेकर प्रदेश सरकार सक्रिय हुई और प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को फैक्टरी भेजकर क्षमता वृद्धि का आंकलन कराया। मंत्री की पहल पर 24 की जगह 96 नोजल की अनुमति महज 4 घंटे में हो गई और प्रबंधतंत्र ने 71 नोजल लगवाकर उत्पादन भी शुरू कर दिया। अब 1000 की जगह डेढ़ हजार सिलिंडर प्रतिदिन भरे जाएंगे।
फैक्टरी मैनेजर मनोज गुप्ता ने बताया शेष 25 नोजल शीघ्र लगवाकर पूरी क्षमता से प्लांट को चलाया जाएगा। मंडल के सभी जनपदों समेत आसपास के जिलों को आपूर्ति दी जाएगी। फैक्टरी मैनेजर ने बताया शुक्रवार को करीब 1300 सिलिंडर विभिन्न कोविड हॉस्पिटलों को भेजे गए हैं। बांदा मेडिकल कॉलेज को प्रतिदिन 200 सिलिंडर भेजे जा रहे हैं।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी बांदा डॉ एन डी शर्मा ने बताया कि भरुआ सुमेरपुर के रिमझिम इस्पात प्लांट द्वारा उत्पादन बढाने से निश्चित ही राहत मिली है लेकिन जिस तरह मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है उससे लगता है कि अभी और सिलेंडरों की जरूरत हो सकती है।फिलहाल अभी जिले में स्थिति नियंत्रण में है।
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