रेलवे के मवेशी बहुल इलाकों में रेल पटरियों के किनारे बनेगी बाउंड्रीवाल, हाईस्पीड ट्रेनें अपनी रफ्तार से दौड़ सकेंगी

पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) लखनऊ सहित अन्य मंडलों के मवेशी बहुल्य इलाकों में रेल पटरियों के दोनों तरफ आठ...

Nov 18, 2022 - 05:31
Nov 18, 2022 - 05:53
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रेलवे के मवेशी बहुल इलाकों में रेल पटरियों के किनारे बनेगी बाउंड्रीवाल, हाईस्पीड ट्रेनें अपनी रफ्तार से दौड़ सकेंगी

पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) लखनऊ सहित अन्य मंडलों के मवेशी बहुल्य इलाकों में रेल पटरियों के दोनों तरफ आठ फीट ऊंची चहार-दीवारी (बाउंड्रीवाल) बनवाएगा। इससे पशु ट्रेन की चपेट में नहीं आएंगे और वंदेभारत जैसी हाईस्पीड ट्रेनें अपनी रफ्तार से दौड़ सकेंगी।

  • लखनऊ, इज्जतनगर और वाराणसी मंडलों के रेल पटरियों के दोनों तरफ बनेगी बाउंड्री

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पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन के मुताबिक, रेल पटरियों के किनारे पहले चरण में चहारदीवारी उन रूटों पर बन रही है जो ग्रामीण क्षेत्रों से होकर गुजर रही है और जहां पशुओं की अधिकता है। अभी 136.9 किलोमीटर बाउंड्रीवाल बनाने की मंजूरी मिल गई है। इसमें से 67.9 किलोमीटर पर कार्य चल रहा है।

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फिलहाल लखनऊ मंडल में 74.75 किलोमीटर, इज्जतनगर मंडल में 10 किलोमीटर और वाराणसी मंडल में 52.175 किलोमीटर बाउंड्रीवाल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इन मंडलों के मवेशी बहुल इलाकों में किसी बड़े जानवर के ट्रेन की चपेट में आ जाने से ट्रेन का संचालन एक से डेढ़ घंटे तक प्रभावित हो जाता है। बाउंड्रीवाल बन जाने से पशुओं की सुरक्षा हो सकेगी और ट्रेनें भी लेट नहीं होंगी।

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उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर रेलवे में प्रतिदिन औसतन दो मवेशी ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आ जाते हैं। बीते अप्रैल से अगस्त तक करीब 351 मवेशी कट चुके हैं। लखनऊ मंडल में मनकापुर से कटरा रूट, वाराणसी मंडल में कप्तानगंज रूट और इज्जतनगर मंडल में मैलानी रूट पर मवेशियों के कटने की घटनाएं ज्यादा होती हैं।

हिस

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