कम वर्षा वाले क्षेत्रों में किसान धान बुआई का न करें इन्तज़ार, दलहन और तिलहन की लगायें फसल : सूर्य प्रताप शाही

जुलाई माह में अब तक उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में विशेष कर उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में तथा बुन्देलखण्ड में...

कम वर्षा वाले क्षेत्रों में किसान धान बुआई का न करें इन्तज़ार, दलहन और तिलहन की लगायें फसल : सूर्य प्रताप शाही
सूर्य प्रताप शाही, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ। जुलाई माह में अब तक उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में विशेष कर उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में तथा बुन्देलखण्ड में औसत से काफी कम वर्षा हुई है। इन क्षेत्रों में अभी भी 25 से 30 प्रतिशत खेतों में बुवाई होनी शेष है। इन मौसमी दशाओं तथा बोआई की स्थिति को देखते प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश के किसानों से अपील की है कि धान की फसल लगाने का इन्तजार करने की जगह किसान मक्का, बाजरा, ज्वार तथा दलहन-तिलहन की फसल लगायें।

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उन्होंने अपील की है कि इस वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने और बाजरा तथा मक्के की बढ़ती माँग को देखते हुए प्रदेश के सभी 75 जनपदों के लिए त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत संकर मक्का सामान्य बीज वितरण पर 50 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गयी है। देशी मक्का, संकर मक्का एवं पॉपकार्न मक्का के प्रदर्शन पर 6000 रुपये प्रति हेक्टेयर, बेबी कॉर्न मक्का पर 40,000 रुपये प्रति हे. एवं स्वीट कॉर्न मक्का पर 50,000 रुपये प्रति हे. अनुदान दिया जायेगा।

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इसके अतिरिक्त प्रदेश के सभी विकास खण्डों पर मक्का, बाजरा एवं ज्वार के हाइब्रिड बीज के निजी कम्पनियों के स्टॉल लगाये जा रहे हैं, इन बीजों पर भी 50 प्रतिशत अनुदान किसानों के खातों में भेजा जायेगा। विकास खण्ड के विक्रय केन्द्रों पर मिलेट्स में मडुआ, सांवा, कोदो, बाजरा के निःशुल्क बीज मिनीकिट के साथ दलहन और तिलहन के बीज विशेषकर उड़द, मूंग, अरहर एवं तिल के बीज सामान्य वितरण कार्यक्रम में भेजे गये हैं, जो पीओएस मशीन से बीज पर मिलने वाले अनुदान को समायोजित कर मात्र 50 प्रतिशत कीमत के भुगतान पर किसानों को मिल जायेगा। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया है कि मौसम को देखते हुए उन्हें अपने खाली खेतों में मक्का, मिलेट्स, दलहन और तिल की फसलों की बुवाई शुरू कर देनी चाहिए। इससे किसानों के खेतों में आच्छादन समय से पूरा हो सकेगा और उन्हें सम्भावित आर्थिक क्षति से बचाया जा सकेगा।

हिन्दुस्थान समाचार

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