कोरोना वायरस के साथ एक और वायरस का देश में खतरा मंडराया
कोरोना वायरस के साथ अब एक और वायरस के संक्रमण का प्रकोप देश में फैलता जा रहा है। राजस्थान, केरल समेत..
कोरोना वायरस के साथ अब एक और वायरस के संक्रमण का प्रकोप देश में फैलता जा रहा है। राजस्थान, केरल समेत कई और राज्यों को एवियंस इंफ्लूएंजा ने अपने चंगुल में ले लिया है। इस संक्रमण के कारण अब तक सैकडों पक्षियों की मौत हो चुकी है।
हिमाचल के कई हिस्सों में इस संक्रमण के कारण प्रवासी पक्षियों के मरने की पुष्टि की गई है।केरल के अलाप्पुझा जिले के कुट्टानाड इलाका स्थित चार पंचायतों नेडुमुडी , थाकाझी , पल्लीप्पड और कारुवत्ता में बर्ड फ्लू के मामले पाए गए हैं। राज्य की पिनाराई विजयन सरकार ने मंगलवार को राज्य में आपदा घोषित कर दिया। अलाप्पुझा जिला कलेक्टर ने इलाके में मीट, अंडे और पालतू पक्षियों के व्यापार, कारोबार और इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
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400 से अधिक कौव्वों की मौत
मध्यप्रदेश के एनिमल हस्बेंड्री डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉक्टर आरके रोकडे ने मंगलवार को बताया, 'राज्य के 7-8 जिलों में वायरस संक्रमण के कारण अब तक करीब 400 कौव्वों की मौत हो चुकी है।
पोल्ट्री में वायरस नहीं पाया गया है, यह हवा में है और इसके लिए वैक्सीन नहीं है। हमें लगता है कि यह राजस्थान से आया है।' हिमाचल के कांगड़ा जिले में पोंग डैम झील में बर्ड फ्लू के कारण 2000 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई। इन पक्षियों में एवियन इंफ्लूएंजा यानी कि बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।
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राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू के प्रकोप के मद्देनजर राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी कर दिया है। इन राज्यों में अब तक बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हो चुकी है।
वहीं बर्ड फ्लू के कारण बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और कर्नाटक में भी सतर्कता बरती जा रही है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि एवियन इंफ्लूएंजा वायरस का संक्रमण केवल पक्षियों नहीं बल्कि इंसानों के लिए भी घातक है। बर्ड फ्लू को लेकर पंजाब में अलर्ट जारी किया गया है। हरियाणा के पंचकूला के करीब पोल्ट्री उद्योग में पिछले एक महीने में 70 हजार मुर्गियों की मौत हो गई। इसके पीछे भी बर्ड फ्लू का अंदेशा जताया जा रहा है हालांकि जांच के लिए सैंपल भेज दिया गया है।
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देश के अलग-अलग राज्यों में मरे पक्षियों में H5N8 और H5N1 वायरस मिले हैं। कुछ जगहों पर कौव्वों में H5N8 वाले वायरस मिले हैं। ये वायरस काफी संक्रामक होते हैं। आमतौर पर यह वायरस पक्षियों में ही पाया जाता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मनुष्यों में H5NI वायरस का संक्रमण काफी खतरनाक होता है। यदि H5NI वायरस म्यूटेट हो जाए तो इससे इंसानों से इंसानों में आसानी से ट्रांसमिशन हो सकता है।
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