वाराणसी के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का बदला नाम, अब हुआ बनारस जंक्शन

वाराणसी के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन को नया नाम मिला है 'बनारस', केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्टेशन का नाम बदलकर 'बनारस' रखने की दे दी है मंजूरी ...

वाराणसी के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का बदला नाम, अब हुआ बनारस जंक्शन
मंडुआडीह रेलवे स्टेशन

वाराणसी,
वाराणसी के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन को नया नाम  'बनारस' मिला है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्टेशन का नाम बदलकर 'बनारस' रखने की मंजूरी दे दी है। सोमवार देर शाम इसकी जानकारी मिलते ही स्थानीय नागरिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग फोन कर परिचितों को इसकी जानकारी देने के साथ इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर करने लगे।
मंगलवार को भी सोशल मीडिया में इसको लेकर सरगर्मी बनी रही। मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए जिन लोगों ने अभियान चलाया था। उन्हें लोग सोशल मीडिया के जरिये बधाई देने लगे। नगर के वरिष्ठ पत्रकार एके लारी इस अभियान में लम्बे समय से लगे ​हुए थे। इसे धार दिया पूर्व रेल राज्यमंत्री अब जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने।
पिछले वर्षों वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा में तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदल कर बनारस रखने का अनुरोध किया था। पूर्वोत्तर रेलवे के आदर्श स्टेशनों में शामिल मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बनारस रखने का प्रस्ताव साल भर पहले अगस्त 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने शासन को भेजा था। गृह मंत्रालय ने सोमवार को नाम बदलकर बनारस किए जाने का आदेश जारी कर दिया। हालांकि इस बाबत वाराणसी के रेलवे अधिकारियों के पास कोई सूचना नहीं आई है।
बताते चलें कि जिले में वाराणसी जंक्शन के अलावा वाराणसी सिटी और काशी के नाम से रेलवे स्टेशन पहले से मौजूद हैं। पड़ोसी जिले चंदौली के मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रखे जाने के बाद लोग मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलने के लिए लगातार सोशल मीडिया में अभियान चला रहे थे।
 
रेलवे स्टेशन की खूबियां
मंडुवाडीह स्टेशन पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के कार्यकाल में वाराणसी के सबसे बड़े और खूबसूरत स्टेशन के रूप में उभरा है। मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन की खूबियां सोशल मीडिया से लगायत यात्रियों में भी आकर्षण का केन्द्र है। एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन पर कुल आठ प्लेटफॉर्म हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी मंडुआडीह रेलवे स्टेशन की तुलना एयरपोर्ट से की है। गत वर्ष उन्होंने ट्वीट कर दावा किया था कि वाराणसी का मंडुआडीह स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ अपनी स्वच्छता और सौंदर्यीकरण से यात्रियों को एक नया अनुभव प्रदान कर रहा है।
काशी के प्राचीन वैभव को पुनः जीवित करता यह स्टेशन देश के सबसे सुंदर स्टेशनों में से एक बनने जा रहा है। यहां से वर्तमान में वाराणसी-नई दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन शिवगंगा एक्सप्रेस, ग्वालियर के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस, खजुराहो के लिए लिंक एक्सप्रेस सहित आधा दर्जन प्रमुख ट्रेनों का संचालन हो रहा है। कोरोना संकट में इन दिनों शिवगंगा एक्सप्रेस का ही संचालन किया जा रहा है। 
हिन्दुस्थान समाचार

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