कृषि विश्वविद्यालय बांदा के छात्रों ने लिखी सफलता की नई गाथा

कड़ी मेहनत से सफलता अवश्य मिलती होती है मेहनतकश छात्र संसाधनों की कमी को भी अवसर में बदलकर इतिहास लिख देते है वैसे ही छात्रों ने एक बार पुनः राष्ट्रीय..

कृषि विश्वविद्यालय बांदा के छात्रों ने लिखी सफलता की नई गाथा
कृषि विश्वविद्यालय बांदा

कड़ी मेहनत से सफलता अवश्य मिलती होती है। मेहनतकश छात्र संसाधनों की कमी को भी अवसर में बदलकर इतिहास लिख देते है। वैसे ही छात्रों ने एक बार पुनः राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है।

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर कृषि एवं कृषि संबंधित विषयों में उच्च शिक्षा हेतु जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फैलोशिप )की परीक्षा आयोजित करता है। इस प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र देश के सभी 75 कृषि विश्वविद्यालय में से किसी एक में प्रवेश ले सकता है।

कृषि विश्वविद्यालय बांदा छात्रों ने एक बार पुनः यह सिद्ध किया है कि प्रदेश के अन्य कृषि विश्वविद्यालय की तुलना में बांदा कृषि विश्वविद्यालय एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय  का शिक्षा का स्तर ऊपर है।

इसी का परिणाम है कि यहां के छात्र देश के नामचीन विश्वविद्यालय जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली ,राष्ट्रीय दुग्ध अनुसंधान संस्थान करनाल, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना जैसे अन्य विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा हेतु प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।इसी क्रम में कृषि के छात्र आलोक दुबे ने राष्ट्रीय स्तर पर छठा स्थान प्राप्त किया है।आलोक दुबे ने सोशल साइंस ग्रुप में यह सफलता अर्जित की है।

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विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस सफलता पर उसे बधाई और आशीर्वाद प्रदान किया है। सफलतम छात्रों में सोनपाल 21, सौरभ पांडे 34 ,मयंक मणि त्रिपाठी 122, निधि चैहान, आशीष राठौर, विशाल तिवारी, नील कमल मिश्रा,प्रशांत अवस्थी, अमित कुमार, अवनीश परमेश्वर दयाल 207 रैंक से अलग-अलग विषयों में सफलता अर्जित की है। सफल छात्र जेआरएफ जूनियर रिसर्च फैलोशिप के माध्यम से 12500 से 5000 धनराशि उच्च शिक्षा के लिए प्राप्त करेंगे।

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