हृदय गति रूकने पर कृत्रिम श्वास किस विधि से दें, यह तरीका विद्यार्थियों ने सीखा
आज की तनावपूर्ण दिनचर्या में छोटी-बड़ी दुर्घटनाओं एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी आकस्मिक घटनाओं का होना.......
बांदा, आज की तनावपूर्ण दिनचर्या में छोटी-बड़ी दुर्घटनाओं एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी आकस्मिक घटनाओं का होना तेजी से बढ़ रहा है। इसी के साथ ही आवश्यकता हो रही है- उचित एवं तत्काल प्राथमिक उपचार के विभिन्न विधियों की। इस विषय के महत्व को समझते हुये केसीएनआईटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के विद्यार्थियों द्वारा 16 मई को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. एस. के. मिश्रा, विभागाध्यक्ष, शिक्षा संकाय, एम. एन. दास, पी.जी. महाविद्यालय, बदाँयु एवं डॉ. प्रशान्त द्विवेदी, विभागाध्यक्ष, एप्लाइड साइंस, उपस्थित रहे।
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कार्यशाला में वास्तविक परिस्थितियों को दर्शाते हुये विद्यार्थियों ने अत्यन्त सीमित संसाधनों की सहायता से प्राथमिक उपचार के तौर-तरीकों को सहपाठियों तथा अतिथियों के साथ साझा किया। हृदय गति के यकायक कम होने पर कृत्रिम श्वास विधि के तरीकों को पेश किया गया, विशेषकर प्रयोग द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि इस प्रक्रिया में मरीज की छाती पर कितना दबाव किस प्रकार से डालना चाहिये। आस-पास की भीड़ को दूर करके मरीज के कपड़ों को ढ़ीला करते हुये उसे खुली हवा में सांस लेने की सुविधा प्रदान करनी चाहिये। विकट परिस्थिति में मरीज को मुँह से श्वांस देने की क्रिया को भी अन्य विद्यार्थियों द्वारा प्रयोग के माध्यम से समझाया गया। विद्यार्थियों द्वारा सांप, बिच्छू, बिसखापर जैसे जानवरों द्वारा काटे जाने की स्थिति में बिना घबड़ाये हुये प्राथमिक उपचार के तरीकों को पीपीटी द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तार से समझाने का प्रयास भी किया गया।
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शरीर के अलग-अलग अंगों में चोंट लगने स्थिति में रक्त के रसाव को रोकने हेतु विभिन्न प्रकार की पट्टियाँ बांधने की विधि को विद्यार्थियों द्वारा सभागार में उपस्थित अपने सहपाठियों तथा अतिथियों को प्रयोग द्वारा बताया गया। साथ ही, उपस्थित छात्र एवं छात्राओं ने स्वतः भी पट्यिाँ बाँध कर उचित प्रशिक्षण प्राप्त किया। विद्यार्थियों के 5 सदस्यीय दल ने एक नाटक के माध्यम से दर्शाया कि आग लगने की स्थिति में अग्निशमन वाहन के आने तक किस प्रकार से आग को काबू में रखते हुये आग में फंसे लोगों का तथा स्वयम् का हौसला बनाये रखे बिना घबड़ाये पुरूष, महिलाओं तथा बच्चों को बाहर निकालने का प्रयास किया जाना चाहिये।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये प्राथमिक उपचार बाक्स प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। साथ ही बाक्स में रखी जाने वाली विभिन्न सामग्रियों एवं उनके उचित उपयोग के बारे में विस्तार से समझाया गया। जानकारी हेतु बताया गया कि नियमानुससार हर सरकारी एवं व्यक्तिगत चार पहिया वाहन में प्राथमिक उपचार बाक्स तथा उसमें पर्याप्त सामग्रियों का होना अनिवार्य है। विकट परिस्थिति में हमें वाहन चालक से निवेदन करते हुये उपलब्ध सामग्रियों का यथोचित उपयोग करना चाहिये। कार्यक्रम के समापन पर केसीएनआईटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. रामेन्द्र कुमार गुप्ता द्वारा सभी आगन्तुकों एवं विद्यार्थियों को धन्यवाद दिया गया।
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