बुन्देलखण्ड महाविद्यालय में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 96 जोड़े दांपत्य सूत्र में बंधे
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन...
झांसी। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद की अध्यक्षता में बुन्देलखण्ड महाविद्यालय में किया गया। कार्यक्रम में विधान परिषद सदस्य श्रीमती रमा निरंजन बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहीं। इस कार्यक्रम में 96 जोड़े दांपत्य सूत्र में बंधे।
यह भी पढ़े : गाजीपुर : हाईटेंशन तार की चपेट में आकर बस बनी आग का गोला, कई लोगों की जलकर मौत
इस अवसर पर सदर विधायक रवि शर्मा द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारीगण, कर्मकारीगण, लाभार्थियों, परिजनों एवं रिश्तेदारों की उपस्थिति में मतदाता शपथ दिलायी गयी। विधान परिषद श्रीमती रमा निरंजन ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 96 प्रतिभागी वर-वधुओं को बहुत-बहुत बधाई। आप सभी को एक ही मंच पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। आपका जीवन सुखमय, समृद्ध हो एवं आप अपने परिवार को सुचारू रूप से चलाते हुए आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि माता-पिता बेटी के जन्म से ही बेटी के विवाह को लेकर चिन्तित रहते थे, अभिभावकों की इसी समस्या के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सामूहिक विवाह योजना संचालित की गयी हैं। जिसके अन्तर्गत बेटियों को जन्म से लेकर इण्टरमीडिएट तक पढाई के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की गयी हैं।
यह भी पढ़े : उप्र में तीन आईपीएस का तबादला, निलाब्जा चौधरी बने एटीएस आईजी
उन्होंने कहा कि वर-वधु अपने संस्कारों से परिवार को सुखमय और शन्तिपूर्ण बनायें।इस अवसर पर जिलाध्यक्ष, भाजपा अनुसूचित मोर्चा कपिल बिरसेनिया ने कहा कि वर्तमान सरकार समाज में प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति के कल्याणार्थ पूर्ण तत्परता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत आज इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सभी जोड़े अलग-अलग समाज एवं धर्म से है। जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीमती ललिता यादव ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत 02 लाख वार्षिक आय वाले परिवारों की कन्याओं का सामूहिक विवाह समाज कल्याण विभाग द्वारा नगर निगम, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत (खण्ड विकास अधिकारी) तथा नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत के माध्यम से निःशुल्क सम्पन्न कराया जाता है। इसके लिए शासन द्वारा आर्थिक सहायता के रूप में दी जाने वाली सहायता 51 हजार की धनराशि में से 35 हजार रुपये कन्या के खाते में भेजे जाते हैं, 10 हजार रुपये की सामग्री दी जाती है और 6 हजार रुपये प्रति जोड़े की दर से विवाह आयोजन में व्यय होती है। योजना के लाभ के लिए समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट cmsvy.upsdc.gov.in पर आवेदन किया जाना अनिवार्य है।
यह भी पढ़े : उप्र विधान परिषद चुनाव में सपा के तीन उम्मीदवारों ने नामांकन किया
उक्त सहायता के लिए कन्या के अभिभावक उप्र के मूल निवासी होने चाहिए, आवेदक के परिवार की आय 02 लाख वार्षिक से कम होनी चाहिए। विवाह के लिए कन्या की आयु 18 वर्ष तथा वर की आयु 21 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए, तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र आदि अनिवार्य है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, उप निदेशक समाज कल्याण विभाग एसएन त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार