मप्र में इस साल 15 अगस्त पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे 182 बंदी होंगे रिहा
मध्य प्रदेश की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 182 बंदी इस बार 15 ....
भोपाल,
मध्य प्रदेश की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 182 बंदी इस बार 15 अगस्त को रिहा किए जाएंगे। वहीं अब साल में 4 बार यानी गांधी जयंती, अंबेडकर जयंती, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर कैदियों को रिहा किया जाएगा। पहले साल में सिर्फ दो बार कैदियों को रिहा किया जाता था। यह जानकारी प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दी है।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 182 बंदियों की सशर्त रिहाई की जा रही है। ऐसे बंदी जिनकी सजा के विरुद्ध अपील लंबित है,उनको अपील के निराकरण के उपरांत रिहाई की पात्रता होगी। जिन्हें जुर्माना से दण्डित किया गया है, वे यदि जुर्माना राशि 15.08.2023 तक जमा कर देते हैं, तो उन्हें रिहाई की पात्रता होगी ।
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मंत्री मिश्रा ने बताया कि जिन्हें किसी अन्य प्रकरण में सजा भुगतना शेष है, उन्हें शेष सजा भुगताये जाने हेतु रोका जायेगा। जिन्हें किसी अन्य प्रकरण में जमानत प्राप्त नहीं हुई है, उन्हें विचाराधीन बंदी के रूप में रोका जायेगा। यदि कोई बंदी अन्य राज्य के प्रकरण में दण्डित किया गया है तो वह संबंधित राज्य में स्थानान्तरित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त 15 गैर-आजीवन कारावास के बंदियों को सजा में छूट दी जा रही है। गृहमंत्री ने कहा कि यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रदेश की महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा को देखते हुए दुष्कर्म के किसी भी प्रकरण में सजा माफी नहीं दी जा रही है।
गृह एवं जेल मंत्री ने बताया कि पहले आजीवन कारावास वाले कैदी साल में दो बार रिहा किए जाते थे। हमने इसमें सुधार किया है। अब साल में चार बार कैदी रिहा किए जाने लगे हैं। ऐसा देखने में आया है कि कुछ कैदियों की अवधि हो जाती है, लेकिन उनकी रिहाई 4 - 5 महीने बाद 15 अगस्त, 26 जनवरी को होती थी। अब साल में 4 बार में कैदी रिहा किए जा रहे हैं। गांधी जयंती और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती भी इसमें पिछले साल से बढ़ाई गई है। पिछली बार 2 अक्टूबर, 26 जनवरी, 14 अप्रैल और 15 अगस्त के दिन कैदियों को रिहा करने की व्यवस्था शुरू कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त 15 गैर आजीवन कारावास बंदियों को भी इसमें छूट दी जा रही है।
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