उप्र : जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस से लैस होंगे राज्य प्रवर्तन दस्ते के वाहन

उत्तर प्रदेश के समेकित विकास का खाका खींच रही राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रवर्तन दस्ते में शामिल वाहनों के...

Jun 19, 2024 - 06:18
Jun 19, 2024 - 06:20
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उप्र : जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस से लैस होंगे राज्य प्रवर्तन दस्ते के वाहन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के समेकित विकास का खाका खींच रही राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रवर्तन दस्ते में शामिल वाहनों के टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, राज्य प्रवर्तन दस्ते के वाहनों को जीपीएस ट्रैकिंग व व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग (वीएलटी) डिवाइस से लैस होंगे। साथ ही, इन डिवाइसेस को वाहनों में सही तरीके से संचालित करने के लिए डेटाबेस युक्त बैकएंड सॉफ्टवेयर भी विकसित किया जाएगा।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी की मंशा अनुसार राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े के उच्चीकरण की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी, जिसे क्रियान्वित करते हुए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस क्रम में, श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को सर्विस प्रोवाइडर संस्था नियुक्त किया गया है।

श्रीट्रॉन में पहले से इम्पैनल्ड कंपनियों को राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े को अपग्रेड करने का मौका कार्यावंटन के बाद मिलेगा। इसी प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है और जून माह के अंत से प्रक्रिया पूरी तरह क्रियान्वित हो जाएगी।

223 जीपीएस डिवाइसेस को किया जाएगा इंस्टॉल

अपग्रेडेशन प्रक्रिया के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े की गाड़ियों पर 223 जीपीएस लोकेशन व वीएलटी डिवाइसेस को इन्सटॉल किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा किए जाने के अतिरिक्त एक आधुनिक डेटाबेस युक्त बैकएंड सॉफ्टवेयर व वेबसाइटे बेस्ड इंटरफेस भी डेवलप किया जाएगा। यह ट्रैकिंग के साथ ही डैशबोर्ड, डेटाबेस व मैप एक्सेसिबिलिटी के साथ ही लाइसेंस और पूर्ण वीएलटी समाधान के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त करेगा।

बैकएंड सॉफ्टवेयर को स्थापित वीएलटी उपकरणों से प्राप्त डेटा को कैप्चर, स्टोर, प्रोसेस, विश्लेषण और प्रदर्शित करने के लिए क्लाउड स्टोरेज इनेबल्ड किया जाएगा।

रियल टाइम एक्सेसिबिलिटी से लैस होगा सॉफ्टवेयर

बैकएंड सॉफ्टवेयर को डिजिटल मैप पर वाहन की आवाजाही की रियल टाइम ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के लिहाज से डेवलप किया जाएगा। वाहन ट्रैकिंग डिवाइस को ओवर-द-एयर (ओटीए) कॉन्फ़िगर करने की क्षमता के साथ विकसित किया जाएगा। बैकएंड सॉफ्टवेयर दरअसल एक वेब-आधारित एप्लीकेशन होगा, जिसे विभिन्न प्रकार के उपकरणों जैसे वर्क स्टेशन, लैपटॉप, टैबलेट कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि पर एक्सेस किया जा सकेगा।

एआईएस-140 मानक के अनुसार कार्यों को किया जाएगा पूरा

पांच वर्ष की संपूर्ण अनुबंध अवधि के लिए सभी इंस्टॉल किए गए उपकरणों को सिम एक्टिवेशन और रिचार्ज से युक्त किया जाएगा। किसी प्रकार की तकनीकी सहायता के लिए एक व्यक्ति भी नियुक्त किया जाएगा। शिकायतों के निवारण के लिए एक उपयुक्त तंत्र विकसित किया जाएगा और मासिक समस्या लॉग और समाधान स्थिति रिपोर्ट परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश को प्रस्तुत की जाएगी।

एआईएस-140 मानक के अनुसार इस कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए श्रीट्रॉन द्वारा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम के जरिए इम्पैनल्ड कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं और कार्यावंटन की प्रक्रिया जून माह के अंत के पूर्व पूरी हो जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार

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