शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को किया गया सम्मानित

सामाजिक संस्था आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय की ओर से दृष्टि संस्थान में आयोजित समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में...

शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को किया गया सम्मानित

चित्रकूट। सामाजिक संस्था आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय की ओर से दृष्टि संस्थान में आयोजित समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले जिले के 75 शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया है। 

शिक्षक सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि सदर विधायक अनिल प्रधान, विशिष्ट अतिथि पूर्व संासद भैंरों प्रसाद मिश्र, सहकारी बैक के चेयरमैन पंकज अग्रवाल व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा ने शिक्षकों को तिलक लगाकर शाल ओढाकर और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मान किया।

मुख्य अतिथि सदर विधायक ने कहा कि विश्व में वही देश प्रगति किया है जिस देश में शिक्षक का सम्मान राष्ट्रपति से भी बढकर है । उन्होंने शिक्षा के स्तर पर गिरावट पर कहा कि इसके लिये शिक्षक ही खुद आत्मचिन्तन करके सुधार करने में सक्षम हैं और कोई शिक्षा के स्तर को बढाने के लिये सक्षम नहीं हो सकता है। शिक्षक अपने शिष्यों की कामयाबी देखकर पिता से भी ज्यादा खुश होते हैं । इस मौेके पर उन्होंने सभी गुरूओ को प्रणाम किया। 

पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र ने कहा कि शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिये शिक्षकांे के साथ-साथ अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है और सरकार भी शिक्षकों के साथ अच्छा व्यवहार करे। उन्होंने ऑनलाइन उपस्थिति पर कहा कि दूर-दूर से शिक्षक-शिक्षिकाओं को विद्यालय आना-जाना पड़ता है इस पर आधे घंटें की छूट होनी चाहिये। शिक्षकों का सम्मान दुनिया में सर्वोपरि है। 

शिवलाल सिंह राजपूत ने कहा कि शिक्षा सतत चलने वाली प्रक्रिया है। अफ्रीकी राष्ट्रपति रहे नेन्शन मण्डेला की लाइनों को सुनाते हुये कहा कि शिक्षा वह हथियार है जिसमें बलबूते हम दुनियां जीत सकते हैं। लोग गुरू से ज्यादा अब गूगल को वरीयता देने लगे यहीं से शिक्षा में गिरावट आने लगी। शिवबरन त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है इस सच्चाई को सभी को स्वीकारना चाहिये और इसके सुधार की दिशा में प्रयास नये सिरे से होना चाहिये। उन्होंने यहां तक कहा कि इस युग न तो छात्र बढना चाहता है और न ही शिक्षक बढाना चाहता है। यह चिन्तन करने का विषय है। बालकों में क्षमता और प्रतिभा की कमी नहीं है हमें विद्यार्थियों में विद्यमान ईश्वर प्रदत्त क्षमता को विकसित करने के लिये उन्हें अच्छा वातावरण देने की जरूरत है। 

बीएसए बीके शर्मा ने कहा कि शिक्षा में सुधार केवल एक मात्र शिक्षक ही ला सकते हैं। इसीलिये शिक्षक को राष्ट्र निर्माता का दर्जा दिया गया है। दुनियां में कोई ऐसा तंत्र नहीं है जो शिक्षा में सुधार लाने में सक्षम हो शिवाय शिक्षक के, समाज में शिक्षक का स्थान सबसे उच्च है। बस चिन्ता इस बात की है कि शिक्षक का जो मूल रूझान होना चाहिये वह नहीं दिख रहा। इसमें शिक्षकों को अपनी गरिमा का ध्यान रखते हुये अपने कर्तव्यों का संकल्पबद्ध होकर पालन करना चाहिये। 

समारोह में शिक्षकों के अलावा कुछ प्रबन्धक भी रहे जिनमें जेपी मिश्रा, शिवलाल राजपूत, डा मनोज द्विवेदी, प्रेमनारायण गुप्ता इसके अलावा प्रधानाचार्य डा रणवीर सिंह चौहान, छोटेलाल सिंह, शिवबरन त्रिपाठी, सुरेश चंद्र, नीतू वर्मा, मोहनलाल, अरूणा, सीमा सिंह, प्रियंका सिंह,शिवनायक यादव, दादूराम, शिक्षक फूलचन्द्र चंद्रवंशी, विजय कुमार पाण्डेय, रामबचन सिंह, शंकर प्रसाद यादव आदि शामिल रहे। 

कार्यक्रम का संचालन संस्था के निदेशक बलवीर सिंह ने किया। कार्यक्रम में डा एसपी त्रिपाठी, ंलल्लूराम शुक्ल, अनीता सिंह, विजय चन्द्र गुप्त, राजेश दुबे, दृष्टि संस्था के संस्थापक शंकर लाल गुप्त, पंकज दुबे, बसंतलाल आदि गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।

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