अब उर्वरक, बीज और कीटनाशक के ऑनलाइन जारी होंगे लाइसेंस
ज़िला कृषि अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्रा ने जनपद ने किसानों को जानकारी देते हुए बुधवार काे बताया कि...
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उर्वरक विक्रेता दुकान पर रेट लिस्ट लगाना सुनिश्चित करें,बिना खतौनी प्राप्त किए उर्वरक की बिक्री न करें
झांसी। ज़िला कृषि अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्रा ने जनपद ने किसानों को जानकारी देते हुए बुधवार काे बताया कि कृषक हित सर्वोच्च मंशा को पूर्ण करने के लिए प्रदेश सरकार ने जनहित गारंटी योजना के तहत अब उर्वरक, बीज, कीटनाशक के विक्रय के लिए ऑनलाइन लाइसेंस निर्गत होंगे। पात्र व्यक्ति एवं किसानों को लाइसेंस के लिए अब नहीं लगाने होंगे विभागों के चक्कर, ऑनलाइन आवेदन के बाद विभाग द्वारा किया जाएगा सत्यापन और लाइसेंस होगा जारी।
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जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि कृषक हित सर्वोच्य प्रदेश सरकार ने जनहित गारंटी योजना के तहत उर्वरक, बीज, और कीटनाशक के आनलाइन लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। आवेदक को कॉमन सर्विस सेन्टर से https://agriculture.up.gov.in की साइट पर जाकर जनहित गारंटी योजना क्लिक कर आनलाइन लाइसेंस प्रणाली के माध्यम से आवश्यक अभिलेख एवं निर्धारित फीस की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही उर्वरक, बीज, और कीटनाशक के लाइसेंस नवीनीकरण के लिए भी आवेदन कर सकते है।
उन्होंने बताया कि लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, इसमें किसी भी तरह के अभिलेख को कार्यालय में लाने की आवश्यकता नही है। लाइसेंस के लिए मांगे गए सभी अभिलेख पोर्टल पर ही फीड एवं अपलोड करने है। आवेदक के स्तर से आनलाइन लाइसेंस के लिए आवेदन के बाद कृषि विभाग के कार्यालय से उसके सत्यापन की कार्यवाही पूरी की जाएगी। इसके बाद आवेदक की ओर से लाइसेंस फीस भी आनलाइन जमा की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसे युवा जो उर्वरक बीज और कीटनाशक के विक्रय के लिए इच्छुक हैं वह ऑनलाइन आवेदन करें, उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि लाइसेंस निर्गत होने के दौरान विभागों की अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने होंगे सभी प्रक्रिया ऑनलाइन संपादित होगी।
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जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि किसानों द्वारा जनपद में उर्वरक की कालाबाजारी एवं ओवर रेटिंग तथा अनावश्यक रूप से उर्वरक विक्रेताओं द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत बार-बार मिल रही है, इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि उर्वरक बिक्री केन्द्रों के रेट बोर्ड मे पठनीय दशा में उर्वरकों के अधिकतम विक्रय मूल्य एंव केन्द्रो में उपलब्ध स्टाक का विवरण लिखा होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि उर्वरक बिक्री केन्द्रो के स्टाक बोर्ड पर उर्वरकों के रेट प्रायः चाक द्वारा लिखे होने के कारण उन्हें पढ़ा नहीं जा सकता है जिस कारण कृषक भ्रमित होते हैं। जबकि उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) नियंत्रण आदेश 1985 की धारा-4 मे स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि उर्वरक बिकी केन्द्रो के रेट बोर्ड मे पठनीय दशा मे उर्वरकों के अधिकतम विक्रय मूल्य एंव केन्द्रों में उपलब्ध स्टाक का विवरण लिखा होना अनिवार्य है फिर भी निर्देशों का पालन नही किया जा रहा है जो कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 का स्पष्ट उलंघन है।
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उन्होंने जनपद के समस्त खुदरा उर्वरक विकताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि आप अपने उर्वरक बिक्री केन्द्र पर तीन दिन के अन्दर रेट लिस्ट (बोर्ड) पर उर्वरकों की अधिकतम बिकी दरें पेन्ट के द्वारा पठनीय लिखते हुये ऐसे स्थान पर प्रदर्शित करायें कि कृषकों को आसानी से उर्वरकों के मूल्य की जानकारी हो सके। यदि इसके पश्चात कहीं पर बिना पेन्ट से लिखी रेट लिस्ट बोर्ड पर पायी जाती है तो आपके विरूद्ध उर्वरक प्राविधानों के उलंघन में कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी जिसके लिये आप स्वंय उत्तरदायी होगें।
हिन्दुस्थान समाचार
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