हिन्दू धर्म में बसन्त पंचमी का विशेष महत्व, स्नान करने उमड़ी भीड़

माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के दिन विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा...

हिन्दू धर्म में बसन्त पंचमी का विशेष महत्व, स्नान करने उमड़ी भीड़

प्रयागराज। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के दिन विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। आज के दिन गंगा स्नान के उपरान्त मां सरस्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जिसका पुण्य लाभ लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ मेला क्षेत्र में उमड़ी रही।

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माघ मेला स्थित शिविर में काशी सुमेरूपीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि वाग्देवी मां सरस्वती की आराधना और ज्ञान के महापर्व को बसंत पंचमी के रूप में जाना जाता है। आज के दिन लोग गंगा स्नान के उपरान्त सरस्वती की भी आराधना करते हैं। शिक्षा प्रारम्भ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं। आज के दिन से ही बसंत ऋतु की शुरूआत होती है।

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वहीं, दण्डी सन्यासी के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज ने बताया कि भारत में बसंत पंचमी के त्योहार को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन से ऋतु परिवर्तन की शुरूआत भी होती है और नये कार्यक्रमों का शुभारम्भ होता है। बसंत पंचमी होली के तैयारी की शुरुआत का भी प्रतीक है। बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित रहता है। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ मंदिरों में भी देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

उन्होंने बताया कि साल की छह ऋतुओं में बसंत के आगमन पर माघ शुक्ल पक्ष पंचमी पर्व पर भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा भी की जाती है। विद्या, बुद्धिदाता, सरस्वती, वाघेश्वरी देवी, वीणा वादिनी, वाग्देवी आदि नामों से पूजा जाता है। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण संगीत की देवी के जन्मोत्सव को भी बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। शिक्षाविद, विद्यार्थी ज्ञानवान होने की प्रार्थना इसी दिन करते हैं।

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ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने की परम्परा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि यानी बसंत पंचमी 13 फरवरी को दोपहर 2.41 से 14 फरवरी को दोपहर 12.09 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के चलते बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजे से दोपहर 12.41 बजे तक रहेगा।

उल्लेखनीय है कि माघ मेला में बसन्त पंचमी के दृष्टिगत समस्त व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने के लिए मंगलवार को ही पुलिस उप महानिरीक्षक प्रभारी माघ मेला डॉ0 राजीव नारायण मिश्र द्वारा सम्पूर्ण माघ मेला क्षेत्र का भ्रमण कर निरीक्षण किया गया था। सभी स्नान घाटों, पार्किंग स्थलों, पाण्टून पुलों, मेला के समस्त प्रवेश व निकास द्वारों तथा महत्वपूर्ण मार्गों का स्थलीय निरीक्षण करते हुये समस्त तैयारियों को अन्तिम रूप दिया गया। साथ ही अधिक भीड़-भाड़ वाले घाटों के समीप ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मी अधिक सक्रियता से ड्यूटी संपादित करने का निर्देश दिया गया एवं मेला क्षेत्र में प्रतिबन्धित स्नान घाटों के पास बैरिकेडिंग करायी गई। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को ‘ब्रीफ’ किया गया था।

हिन्दुस्थान समाचार

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