
प्रदेश में कुष्ठ रोगियों के साथ हो रहा भददा मजाक
राशन कार्ड है लेकिन अंगूठा नहीं होने से नहीं मिल रहा राशन
प्रदेश के कुष्ठ रोगियों के साथ दोहरा मजाक हो रहा है। एक तो कुष्ठ की बीमारी उनसे अपने हाथों की अंगुली छीन ली, अब राशन की दुकान से बगैर अंगुली के उन्हें राशन भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में उनके सामने भूखो मरने की नौबत आ खडी हुई है। नियति की मार से जूझ रहे इन कुष्ठ पीडितों के पास राशन कार्ड तो है लेकिन इसने इस रोग ने अंगुली छीन ली है ऐसे में भला अंगुली कैसे लगाएं, यह एक बडा सवाल है। सरकार भी इस समस्या को अभी तक कोई हल नहीं कर पाई है। इंदौर की कुष्ठ कॉलोनी में रहने वाले किशन सैयाम कुष्ठ पीड़ित हैं। घर में अकेले हैं। सरकार की तरफ से राशन कार्ड बना है, पर राशन नहीं मिल रहा। वजह, राशन के लिए अंगूठा लगाना जरूरी है। सैयाम के हाथ-पैर की अंगुलियां नहीं होने की वजह से वे अंगूठा नहीं लगा पा रहे हैं। वह भरपेट भोजन के लिए मोहताज हो रहे हैं। यह दर्द भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के लगभग सभी जिलों के 200 कुष्ठ रोगियों का है।
लाचारी में जीवन गुजारना उनकी नियति बन चुकी है। सम्मेलनों में मंत्रियों और अफसरों ने कई बार हल निकालने की बात कही, पर हकीकत में आज तक उनकी समस्या का हल नहीं निकला है। राशन के अलावा किसी भी तरह की सरकारी सहायता के लिए उनका आधार कार्ड जरूरी है। इसके लिए बायोमीट्रिक मशीन में अंगूठा लगाना होता है। कुष्ठ की बीमारी के चलते करीब 200 मरीजों के हाथ-पैर की अंगुलियां नहीं हैं या फिर मुड़ी हुई हैं। कुछ के आंख में भी कुष्ठ है, जिससे रेटिना स्कैन नहीं हो पा रहा है। लिहाजा उनका आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है। बैंक में खाता नहीं खुल पा रहा। कुछ ऐसे भी हैं जिनका जन-धन योजना के तहत खाता तो खुल गया, लेकिन अब थंब इंप्रेशन अनिवार्य किए जाने से वह राशि नहीं निकाल पा रहे हैं।
बता दें कि दो साल पहले केन्द्र सरकार ने कुष्ठ रोगियों को दिव्यांग श्रेणी में रखा है, पर सरकारी योजनाएं उनके लिए दूर की कौड़ी साबित हो रही हैं। उन्हें दूसरे दिव्यांगों की तरह 300 रुपए महीने ही पेंशन मिलती है, जबकि यूपी में हर कुष्ठ रोगी को 2500 रुपए माह पेंशन मिल रही है। कुष्ठ रोगियों के लिए काम करने वाले एनजीओ प्रियांशी एजुकेशनल, कल्चरल एंड सोशल सोसायटी की प्रेसीडेंट डॉ. शालिनी ने बताया कि हाथ-पैर की अंगुलियां नहीं होने की वजह से करीब 200 कुष्ठ रोगियों के आधार कार्ड तक नहीं बना पा रहे, जिससे उन्हें सरकारी सहायता नहीं मिल रही।
मंत्री-अफसरों को यह समस्या पता है, पर आज तक कोई हल नहीं निकला है। इस बारे में संयोग कुष्ठ निवारण संघ अध्यक्ष एवं कुष्ठ पीडित सारंग सुदाम गायदने का कहना है कि सभी कुष्ठ रोगियों को 5 हजार रुपए महीने पेंशन की मांग की थी, पर अमल नहीं हुआ। थंब इंप्रेशन नहीं हो पाने की वजह से 200 कुष्ठ रोगियों को राशन तक नहीं मिल पा रहा रहा है। दूसरे राज्यों में वैकल्पिक व्यवस्था तैयार कर ली है, पर मप्र में परेशानी जस की तस है। वहीं सामाजिक न्याय विभाग के डायरेक्टर कृष्ण गोपाल तिवारी का कहना है कि जिन लोगों का हाथ का अंगूठा नहीं है उनका पैर का अंगूठा लगाया जा सकता है या फिर रेटिना स्कैन किया जा सकता है। इसके लिए कुष्ठ रोगियों को जागरूक करने की जरूरत है।
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बृजेश कुमार द्विवेदी
९ वर्ष, MBA