
बच्चो के लिए खतरनाक हो सकता है ज्यादा पेरासीटमोल देना
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यदि बच्चों को उनके जीवन के शुरुआती दो वर्षों में बुखार आने पर परासिटामोल दवा दी जाती है, तो 18 साल की उम्र तक आते-आते उन्हें दमा होने का खतरा अन्य बच्चो की अपेक्षा अधिक बढ़ जाता है।
सूत्रो से पता चला है कि परासिटामोल खाने से दमा होने का खतरा उन लोगों में ज्यादा है, जिनमें जीएसटीपी1 जीन होती है। उन्होंने यह भी कहा कि परासिटामोल और दमा के बीच भले ही गहरा संबंध है।
लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बुखार की दवा लेने से लोगों को दमा हो जाए। वही वैज्ञानिकों का कहना है कि इस परिणाम की पुष्टि करने के लिए अभी और शोध करने की जरूरत है।
इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोधकर्ताओ ने 18 वर्ष तक की आयु के 620 बच्चों का अध्ययन किया।
इसमें शामिल किये गए सभी बच्चों के कम से कम एक परिजन को दमा, एक्जिमा (त्वचा रोग) या अन्य एलर्जी संबंधी बीमारी जरूर थी।
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पवन खरे
8 साल , स्नातक