
अभी नहीं सम्भलें, तो आगे आने वाली पीढ़ी को नुकसान होना निश्चित
आज जब भी हम किसी कार्य जैसे आॅफिस, घूमना या किसी यात्रा पर जाते है तो हम सबको एक ऐसी समस्या का सामना करना पडता है वह है प्रदूषण। चाहे वायु प्रदूषण हो, ध्वनि प्रदूषण या जल प्रदूषण। खासतौर पर वायु प्रदूषण क्योंकि इस प्रदूषित वायु को हम अपनी साँस द्वारा अंदर लेते है जिससे हमारा शरीर कई गंभीर रोगों का शिकार हो सकता है। मनुष्य के लिए वायु के बिना जीवित रहना असंभव है बगैर वायु के जीवन की कल्पना करना, सम्भ्व ही नहीं।
पिछले कुछ दशकों में, प्रदूषण की इतना नहीं था कि जितना अब हो गया है, क्योंकि उस समय मनुष्य की आवश्यकतायें कम एवं सीमित थी, लेकिन मनुष्य ने अपने फायदे के लिए बिना सोचे समझे प्राकृतिक संसाधनों को खत्म करना शुरू कर दिया जिससे सृष्टि का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ने लगा है। हमारे वायुमंडल में कई गैसें होती है जो एक निश्चित अनुपात में होती है लेकिन अगर इनमें थोड़ा सा भी परिवर्तन हो जाए तो वायुमंडल प्रदूषित हो जाता है। वायु प्रदूषण ओजोन परत के अवक्षय का एक मुख्य कारण बनता जा रहा है। वायु प्रदूषण से बचने या बचाने से भी अधिक जरूरी है लोगों को इसके बारे में जागरूक करना। अगर देश के अधिकतर लोग इसके बारे में जागरूक होंगे तो वो वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे, जिससे जल्दी अच्छे परिणाम नजर आयेंगे। इसलिए बच्चों के पाठ्यक्रम में वायु प्रदूषण को जरूर शामिल करना चाहिए और उन्हें इस बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए। अधिकतर लोग वायु प्रदूषण के लिए स्वयं को नहीं बल्कि दूसरों को और सरकार को उत्तरदायी ठहराते है, किन्तु यह सही नहीं है। हम स्वयं छोटी छोटी बातों का ध्यान रख कर इसमें सहयोग दे सकते है।ऐसा माना जाता है कि यह सिर्फ शुरुआत है, अगर वायु प्रदूषण को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में इसके परिणाम बेहद भयंकर हो सकते है।
अवधेश सिंह यादव
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डेस्क रिपोर्ट - बाँदा
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