मात्र आधा दर्जन होमगार्डों के सहारे है मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा

सुरक्षा के अभाव में यहां अपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं स्टाफ रूम और हॉस्टल में कई सेलिंग फैन चोरी जा चुके हैं। इसके अलावा स्टाफ रूम में भी सामान आदि चोरी हो चुका है, अराजक तत्वों का आना जाना रहता है।

मात्र आधा दर्जन होमगार्डों के सहारे है मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा

चित्रकूट धाम मंडल मुख्यालय में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज इस समय असुरक्षित है। यहां के स्टाफ रूम वह हॉस्टल में आए दिन चोरी की घटनाएं हो रही हैं। जिससे मेडिकल कॉलेज स्टॉप व छात्र-छात्राएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। 

मंडल मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर वैसे तो चारों तरफ बाउंड्री से सुरक्षित है, लेकिन शहर के किनारे होने से मेडिकल कॉलेज में इस समय चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं। साथ ही अराजक तत्वों का भी आना-जाना बना रहता है जिससे मेडिकल कॉलेज के स्टाफ छात्र-छात्राएं अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं। सुरक्षा के नाम पर यहां मात्र आधा दर्जन होमगार्ड तैनात कर दिए गए हैं। अगर यहां अपराधी आकर किसी अपराध को अंजाम देना चाहे तो आसानी से घटना को अंजाम देकर चले जाएंगे और पुलिस जमीन पर लाठी पटकती रह जाएगी।

 प्रशासन से मांगी गई सुरक्षा

इस संबंध में राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रधानाचार्य डॉ मुकेश यादव ने  बताया कि मैंने 30 मई को जिलाधिकारी बांदा को पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि मेडिकल कॉलेज बांदा में कोविड-19 से ग्रसित मरीजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 12 गनमैन  व 40 सिक्योरिटी गार्ड उपलब्ध कराने हेतु 11 मई को पुलिस अधीक्षक को पत्र प्रेषित किया गया था लेकिन अभी तक न तो गनमैन मिले और न ही सिक्योरिटी गार्डों की व्यवस्था हो सकी। इसके पहले 11 मई को अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा था। जिसमें प्रधानाचार्य के पत्र का हवाला देते हुए मेडिकल कॉलेज में 12 गनमैन व 40 सिक्योरिटी गार्ड उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है इसलिए मेडिकल कॉलेज को 12 गनमैन व 40 सिक्योरिटी गार्ड उपलब्ध कराए जाएं।इस तरह देखा जाए तो पिछले डेढ़ माह से केवल पत्र व्यवहार चल रहा है अभी तक सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया जबकि इस समय मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 से संबंधित मरीज भी भर्ती हैं।

पुलिस चौकी बनी शोपीस

तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गणेश शाह ने राजकीय मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शासन से बातचीत करने के बाद हरी झंडी मिलते ही पिछले वर्ष इसी माह मेडिकल कॉलेज में एक पुलिस चौकी की व्यवस्था की थी।मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने मेडिकल कॉलेज के अंदर गेट पर दो कमरे ऑफिस के लिए और दो कमरे बैरिक के लिए और एक कमरा किचन के लिए दिया था।यह सब व्यवस्था होने के बाद यहां पुलिस चौकी संचालित होने लगी पुलिस चौकी बन जाने पर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही छात्र-छात्राओं में पुलिस का धन्यवाद किया था। लेकिन अब यह पुलिस चौकी शोपीस बनकर रह गई है। चौकी के स्टाफ को मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है। यहां का स्टाफ शाम ढलते ही यहां से गुजरने वाले बालू भरे ट्रकों  पर गिद्ध दृष्टि रखता है ताकि उनसे वसूली की जा सके।

बढ़ रही हैं आपराधिक घटनाएं

सुरक्षा के अभाव में यहां अपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं स्टाफ रूम और हॉस्टल में कई सेलिंग फैन चोरी जा चुके हैं। इसके अलावा स्टाफ रूम में भी सामान आदि चोरी हो चुका है , अराजक तत्वों का आना जाना रहता है जो ना सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अभद्रता करते हैं बल्कि मारपीट पर उतारू हो जाते हैं इन घटनाओं की प्रशासन को भी कई बार जानकारी दी गई। लेकिन प्रशासन  इस ओर ध्यान नहीं दे रहा, जिससे यहां स्टाफ और छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर खतरा बना हुआ है।

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