कहीं आप बच्चे को पैक्ड दुग्ध पान तो नही करा रही हैं

कहीं आप बच्चे को पैक्ड दुग्ध पान तो नही करा रही हैं

कहीं आप अपने नवजात शिशु को कृत्रिम दूध एवं ऊपरी आहार आहार तो नहीं दे रहे हैं।यदि ऐसा कर रही है तो यह घातक साबित हो सकता है ।कोविड-19 के मुश्किल दौर में सभी पोषण संस्थाओं और संगठनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी प्रकार का पैक्ड शिशु आहार न वितरण करें और इस महामारी के समय धात्री महिलाओं एवं नवजात शिशुओं बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।

जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने बताया कि जन्म के एक धण्टे के अन्दर स्तनपान, छः माह तक सिर्फ स्तनपान तथा छः माह पूर्ण होने पर माॅ के दूध के साथ ऊपरी आहार व दो साल तक स्तनपान शिशु का सर्वोत्तम आहार है किन्तु इस समय परिवार एवं मातायें तनाव की स्थिति से गुजर रही हैं। तनाव के कारण दूध बनने की प्रक्रिया पर असर पडता है तथा कई बार दूध का बहाव कमजोर हो सकता है। ऐसे में माता-पिता आसान विकल्प की खोज में रहते हैं जिससे पैक्ड शिशु आहार को बढावा मिलने की सम्भावना  है।

उन्होंने कहा कि कृतिम दूध एवं ऊपरी आहार के डिब्बे कई बार गलत तरीके सेे प्रोत्साहित किये जाते है जो बच्चोें के स्वास्थ्य और माता-पिता के लिए हानिकारक होते हैं। इसी सबको दृष्टिगत रखते हुए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक शत्रुघन सिंह की अपेक्षा है कि भारत सरकार पूरे देश में लागू आई0एम0एस0 एक्ट-2003 (शिशु दुग्धाहार विकल्प, दुग्धपान बोतल एवं शिशु आहार अधिनियम 1992 जिसे 2003 में संशोधित किया गया था) का सख्ती से पालन किया जाए। इस दौरान जिला अस्पताल के डा0 ए0के0 राजपूत ने जानकारी देते हुए कहा कि माॅ का दूध बच्चे के सर्वांगिंक, शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी है साथ ही छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाकर उन्हें डायरिया निमोनिया व कुपोषण जैसे रोगों से भी बचाता है।

यूनीसेफ के विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी गयी कि यदि कोविड-19 के दौरान माॅ स्तनपान   कराने में सक्षम नही है तो दूध कटोरी में निकालकर चम्मच से पिला सकते हैं। यदि माॅ ज्यादा बीमार है कि दूध निकालकर भी नही दे सकती तो ऐसी स्थित में स्तनपान कराने के लिए एक दूसरी महिला से सहयोग ले सकती है। प्रत्येक दशा में मुंह पर मास्क लगाते हुए तथा हाथों को साफ रखना है। प्रायः यह देेखा गया है कि महामारी के दौरान कृतिम दूध बनाने वाली कम्पनियां जनपद स्तर पर शिशुओं तथा परिवारों को डिब्बा बन्द दूधध्कृतिम दूध पाउडर की बिक्री बढाने का प्रयास करते हैं। कामर्शियल शिशु आहार स्तनपान तथा ऊपरी आहार का स्थान ले लेता है और बच्चों को कुपोषण के चक्र में डाल देता है।

1. आई0एम0एस0 एक्ट के अन्तर्गत यह बैन किया गया है कि गर्भवती तथा धात्री माताओं एवं उनके परिवारों  को मुफ्त सैम्पल, दूध की बोतल एवं कृतिम आहार देने पर प्रतिबन्ध।
2. दो वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए डिब्बा बन्द दूध कृतिम शिशु आहार के प्रोत्साहन पर प्रतिबन्ध।
3. किसी भी प्रकार के माध्यम से कामर्शियल शिशु आहार को दूसरे विकल्प के रूप में प्रचारित करना वर्जित है।
4. स्वास्थ्य एवं पोषण संस्थाओं को इन कम्पनियों द्वारा किसी प्रकार का डोनेशन देने पर प्रतिबन्ध है।

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