उत्तर प्रदेश में अब 17 जिले बाढ़ प्रभावित, 446 गांवों का संपर्क सड़कों से टूटा

प्रदेश में नदियों के उफान की वजह से अब बाढ़ ग्रसित जनपदों की संख्या बढ़ गई है, अभी तक जहां 15 जनपदों में बाढ़ का असर था। वहीं अब दो और जिले बलिया और महाराजगंज भी बाढ़ प्रभावित हो गए हैं..

उत्तर प्रदेश में अब 17 जिले बाढ़ प्रभावित, 446 गांवों का संपर्क सड़कों से टूटा
उत्तर प्रदेश में अब 17 जिले बाढ़ प्रभावित

लखनऊ,

राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर ने गुरुवार को बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि राज्य में राप्ती नदी गोरखपुर में खतरे के निशान से ऊपर जा रही है। शारदा नदी लखीमपुर, पलिया में और सरयू नदी अयोध्या, बलिया और बाराबंकी में अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं कि तटबंधों पर निरंतर पेट्रोलिंग की जाए। किसी भी सूरत में तटबंध सुरक्षित रहने चाहिए, पेट्रोलिंग के लिए एक टीम का गठन भी किया जाए।

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  • राप्ती, शारदा, सरयू अभी भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर

इसके साथ ही गोरखपुर में राप्ती नदी के बाएं तट पर 16वें किलोमीटर पर तटबंध में कुछ रिसाव हुआ है। मिट्टी की बोरियां डाल कर व अन्य फिल्टरों का प्रयोग कर रिसाव को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। निगरानी बढ़ा दी गई है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जो नौकाएं चलाई जा रही हैं, उन नौकाओं में ये सुनिश्चित किया जाए कि ये क्षतिग्रस्त और पुरानी न हों और इन पर आवश्यकता से ज्यादा लोग न बिठाए जाएं। उन्होंने बताया कि अब तक हमारे 666 गांव बाढ़ प्रभावित हुए हैं जिसमें से 446 गांवों का संपर्क सड़कों से टूट गया है पर वहां पर नावों की भरपूर व्यवस्था जिला प्रशासन के माध्यम से करवाई गई है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही अब तक हमने 3,864 आश्रय स्थलों की और पशुओं के लिए भी अलग से व्यवस्था की है। पिछले चौबीस घंटों में हमने 16,705 खाद्यान्न किटों का वितरण किया है। 13,000 मीटर से भी ज्यादा तिरपाल की व्यवस्था की है।

उन्होंने बताया कि नावों की संख्या 983 हो गई है। अब तक हमने 712 बाढ़ चौकियों और पशुओं के लिए 148 शिविर केंद्रों की स्थापना की है। पिछले चौबीस घंटों में हमने 77,912 पशुओं का टीकाकरण करवाया है।

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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जनपदों द्वारा ऊपरी क्षेत्रों में स्थित विभिन्न बांधों, जलाशयों से पानी छोड़े जाने की सूचना की निरन्तर जानकारी रखी जाये तथा इसके अनुसार बाढ़ से बचाव के लिए समस्त तैयारी पूर्व से सुनिश्चित की जाए। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नम्बर-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है। 

हिन्दुस्थान समाचार

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